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पौड़ी गढ़वाल, 3 अगस्त (हि.स.)। गढ़ ज्योति सांस्कृतिक कला मंच के तत्वावधान में आयोजित उत्तराखंडी लोक नृत्य कार्यशाला का शानदार लोकनृत्यों के साथ समापन हो गया। मंच द्वारा एक महीने तक रामलीला मैदान में नवोदित कलाकारों को नृत्य की बारीकियां सिखाई गई थी।
रविवार को प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यशाला के समापन अवसर में मंच के अध्यक्ष भरत सिंह रावत ने बताया कि कार्यशाला में करीब नवोदित 160 कलाकारों को गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी, जौनपुरी आदि क्षेत्रों के लोक नृत्य की विधाओं की जानकारी के साथ प्रशिक्षण भी दिया गया। इस दौरान कलाकारों ने थडया, चौंफला, चांचड़ी, झोला, छपेली के साथ ही जीतू अग्रवाल कथा पर आधारित नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। नवोदित कलाकारों ने एक महीने तक सिखाई गई विभिन्न विधाओं के नृत्यों का भी प्रदर्शन किया।
इससे पूर्व कार्यशाला का उदघाटन मुख्य अतिथि सुंदरलाल मुयाल ने किया। कहा कि लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए नवोदित कलाकारों को प्रशिक्षण के साथ मंच प्रदान कर गढ़ ज्योति कला मंच बेहतर कार्य कर रहा है। कार्यक्रम में लोक संस्कृति से जुड़ी सामान्य ज्ञान, उत्तराखंड वेशभूषा, गढ़वाली भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर आह्वान संस्था की अध्यक्ष प्रियंका थपलियाल, जीजीआईसी की प्रधानाचार्य सावित्री नेगी, अंजना बिष्ट, मनोज रावत अंजुल, सुदर्शन नेगी, आयुषी, प्रीति रावत, प्रदीप रावत, केशर असवाल, ललित चिटकारिया, दीपक नेगी, वीरेंद्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे। संचालन विपुल चंदोला व वीरेंद्र खंकरियाल ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह