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डॉक्टर की पर्ची, टेस्ट रिपोर्ट, अगली अपॉइंटमेंट और स्वास्थ्य देखभाल संबंधी सभी जानकारियां अब मोबाइल पर
चंडीगढ़, 03 अगस्त (हि.स.)। पंजाब वासियों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को घोषणा की कि राज्य में 200 और आम आदमी क्लीनिक खोले जाएंगे, ताकि लोगों को इलाज के लिए दूर-दराज न जाना पड़े।
रविवार को चंडीगढ़ में आयोजित एक समारोह के दौरान 881 आम आदमी क्लीनिकों को व्हाट्सऐप चैटबॉट से जोड़ने की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी क्लीनिक देश का सबसे सफल स्वास्थ्य मॉडल बन रहा है, जहां मरीजों का संपूर्ण इलाज पूरी तरह मुफ्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही 200 और क्लीनिक शुरू करेगी, जिससे इनकी कुल संख्या 1081 हो जाएगी। वर्तमान में 565 क्लीनिक ग्रामीण क्षेत्रों में और 316 शहरी क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जहां प्रतिदिन लगभग 70,000 मरीज आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन क्लीनिकों में आने वाले मरीजों में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है, इसके बाद बुजुर्गों की, क्योंकि उन्हें अपने घर के नज़दीक ही बेहतरीन मुफ्त इलाज मिल जाता है। आम आदमी क्लीनिकों को व्हाट्सऐप चैटबॉट से जोड़ने को स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब मरीज जब चाहें, अपनी दवाओं और जांच रिपोर्टों की जानकारी मोबाइल पर प्राप्त कर सकेंगे। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। उन्होंने बताया कि करीब 90% पंजाबियों के पास स्मार्टफोन हैं, जिससे यह सुविधा उन्हें सीधे पहुंचाई जा सकती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब कुत्ते के काटने पर पीड़ितों को तुरंत इलाज आम आदमी क्लीनिकों में मिलेगा। उन्होंने कहा कि एंटी-रेबीज़ वैक्सीन अब यहीं उपलब्ध होंगे। पहले यह इलाज महंगा होता था और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं होता था, लेकिन अब इसका सारा खर्च सरकार उठाएगी। ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना’ के तहत हर परिवार को 10 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का लाभ देने का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जो अपने हर परिवार को इतनी बड़ी सीमा तक स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगा। उन्होंने अफसोस जताया कि पिछली सरकारों के घोषणापत्रों में स्वास्थ्य का जिक्र तक नहीं होता था और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता था। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गंभीर बीमारियों का इलाज तक नहीं कराते थे, क्योंकि इलाज इतना महंगा होता था कि वे अपने परिवार को कर्जदार नहीं देखना चाहते थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा