केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दिल्ली विस में सौर ऊर्जा संयंत्र एवं 'नेवा' का किया लोकार्पण
दिल्ली विधानसभा में सौर ऊर्जा संयंत्र और नेवा का लोकार्पण करते केंद्रीय मंत्री


नई दिल्ली, 3 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने रविवार को 500 किलोवाट की क्षमता वाले रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र और नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

समारोह में विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, ऊर्जा मंत्री आशीष सूद, तथा मुख्य सचेतक अभय वर्मा सहित कई विधायक उपस्थित रहे।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस अवसर पर कहा कि दिल्ली विधानसभा की यह पहल देशभर की विधायिकाओं व संस्थानों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करती है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे डिजिटल एवं हरित परिवर्तन की सराहना करते हुए कहा कि ‘वन नेशन, वन एप्लीकेशन’ की अवधारणा को साकार करती यह पहल केवल तकनीकी नहीं, बल्कि संस्थागत मूल्यों में बदलाव का प्रतीक है।

उन्होंने यह आश्वासन दिया कि संसदीय कार्य मंत्रालय दिल्ली विधानसभा को हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा , ताकि यह संक्रमण सुचारू रूप से लागू हो और देशभर में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत हो।

अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में हमारा एक समग्र प्रयास है। 1912 में बने इस ऐतिहासिक भवन में देश की पहली संसद का संचालन हुआ था—आज हम उसी विरासत को आधुनिकता से जोड़ रहे हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि ई-विधान प्रणाली का कार्य महज 100 दिनों में पूरा किया गया। सोमवार प्रातः 11 बजे इसका परीक्षण और दोपहर 2 बजे पहली बार पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित सदन की बैठक आयोजित होगी।

गुप्ता ने यह भी बताया कि सौर ऊर्जा से होने वाली बचत को जनता के विकास कार्यों में लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त विधानसभा पुस्तकालय का डिजिटलीकरण तथा आईटी बुनियादी ढांचे का सशक्तीकरण भी प्रगति पर है।

यह सौर ऊर्जा संयंत्र दिल्ली विधानसभा के संचालन को न केवल शत-प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित बनाता है, बल्कि लगभग 15 लाख रुपये प्रतिमाह की लागत बचत सुनिश्चित करता है और वार्षिक अनुमानित बचत 1.75 करोड़ रुपये तक हो सकती है। नेट मीटरिंग के माध्यम से अतिरिक्त विद्युत उत्पादन की भी आशा है।

ई-विधान प्रणाली के तहत अब विधानसभा की समस्त कार्यवाही डिजिटल माध्यम से, पूर्णतः पेपरलेस रूप में संचालित होगी, जिससे न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव भी न्यूनतम होगा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस पहल को पर्यावरणीय उत्तरदायित्व की दिशा में एक मील का पत्थर बताया और कहा कि दिल्ली की विधानसभा को देश की राजधानी के अनुरूप ही अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए, विशेषकर ऐसे समय में जब भारत 50 फीसदी से अधिक गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल कर चुका है।

उन्होंने कहा कि यह पहल नवीनता, पारदर्शिता और संस्थागत उत्तरदायित्व के 21वीं सदी के शासन मॉडल को दर्शाती है।

लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने इस उपलब्धि को बजट के अंदर रहकर समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए अध्यक्ष की सराहना की।

ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने इसे दिल्ली के व्यापक सौर ऊर्जा अभियान और ग्रिड दक्षता के अनुरूप एक साहसिक कदम बताया।

विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने इसे विधानसभा के इतिहास में एक गौरवपूर्ण और निर्णायक क्षण बताया और कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को सतत विकास में नेतृत्व करना ही चाहिए। इस अवसर पर सभी विधायकों ने ई-विधान प्रणाली का सफल परीक्षण किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव