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कोलकाता, 3 अगस्त (हि.स.)। समाजसेवी स्व. बद्रीविशाल नागौरी की स्मृति में रामगोपाल सोहिनी देवी नागोरी चैरिटेबल ट्रस्ट, श्री डीडवाना नागरिक सभा एवं कोलकाता प्रादेशिक माहेश्वरी सभा के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली व्याख्यान माला की श्रृंखला में इस बार गीता मर्मज्ञ स्वामी गोविन्ददेव गिरिजी महाराज के शिष्य हरीश तिवाड़ी द्वारा श्रीमद्भगवतगीता पर आधारित व्याख्यान हुआ।
भारतीय भाषा परिषद सभागार में आयोजित कार्यक्रम में हरीश तिवाड़ी ने ‘श्रीमद्भगवतगीता में पुरुषोत्तम योग' विषय पर बताया कि इस अध्याय में भगवान ने अर्जुन को जीव, जगत और परमात्मा के स्वरूप का ज्ञान कराया और कहा कि जो क्षर और अक्षर दोनों से अपर है वह परमात्मा ब्रह्म ही पुरुषोत्तम है। जिसके स्वरूप को जानने व समझने के बाद मनुष्य उसी के धाम को प्राप्त करता है और जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है।
इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सुप्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नन्दकिशोर तापड़िया को सम्मानित किया गया।
हिंदुस्तान क्लब के सचिव सीए चंद्रशेखर सारड़ा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपनी बात रखी। डॉ. नंद किशोर तापड़िया ने भी अपने विचार रखे। डॉ श्रीबल्लभ नागोरी ने
व्यासपीठ पर विराजित हरीश तिवाड़ी का माल्यार्पण कर एवं अंगवस्त्र देकर स्वागत किया।
स्वागत भाषण संयोजक अरुण प्रकाश मल्लावत ने दिया। कार्यक्रम का संचालन अलका काकड़ा तथा धन्यवाद ज्ञापन विनोद जाजू ने किया। इस अवसर पर गोविंद शारडा, मदनलाल लाहोटी, मोहन लाल पारीक, बंशीधर शर्मा, भागीरथ चांडक, श्रीराम मूंदड़ा, भंवर लाल राठी, सम्पत मान्धना, नन्दकुमार लढ़ा, अजेद्र नाथ त्रिवेदी, अरुण लढ़ा, श्रीबल्लभ भूतड़ा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष मधुप