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जम्मू,, 3 अगस्त (हि.स.)। कश्मीर के कुलगाम ज़िले के मीरहामा क्षेत्र में स्थित प्राचीन राग्न्या भगवती मंदिर को 35 वर्षों बाद शनिवार को विधिवत रूप से दोबारा खोला गया। यह मंदिर 1990 से बंद था, जब घाटी के हालात प्रतिकूल हो गए थे।
मंदिर के पुनः उद्घाटन के अवसर पर कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने विशेष पूजा-अर्चना और हवन का आयोजन किया। श्रद्धालुओं के लिए सबसे चमत्कारी क्षण तब आया जब मंदिर के भीतर का सूखा पड़ा जलस्रोत वर्षों बाद फिर से बहने लगा जिससे माहौल भावुक और आध्यात्मिक हो गया।
1990 के दशक की उथल-पुथल में यह मंदिर काफी क्षतिग्रस्त हो गया था। लेकिन ज़िला प्रशासन और कश्मीरी पंडित समुदाय के संयुक्त प्रयासों से मंदिर का पुनर्निर्माण कर इसे फिर से उसकी मूल धार्मिक गरिमा में लौटाया गया।
समुदाय के सदस्यों ने इसे एक ऐतिहासिक पल बताया और कहा कि इतने वर्षों बाद अपने पूर्वजों के मंदिर में पूजा करना एक सपने के साकार होने जैसा है।
यह आयोजन केवल धार्मिक पुनरुत्थान नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जीवन और सामुदायिक सौहार्द का प्रतीक भी बन गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता