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हिसार, 28 अगस्त (हि.स.)। दयानंद कॉलेज के नशा विरोधी जागरूकता प्रकोष्ठ की ओर से उच्चतर शिक्षा निदेशालय के निर्देशानुसार एक प्रभावशाली अंतःमहाविद्यालय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में ‘नशा विरोधी’ थीम पर पोस्टर निर्माण और स्लोगन लेखन गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों ने नशे के दुष्प्रभावों के प्रति अपनी रचनात्मकता और जागरूकता का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विक्रमजीत सिंह ने गुरुवार काे विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा न केवल व्यक्ति, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी अभिशाप है। यह स्वस्थ और सशक्त समाज के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा है। युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से स्वयं को बचाने के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी भी निभानी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से नशामुक्त भारत के निर्माण में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। नशा विरोधी जागरूकता प्रकोष्ठ के समन्वयक व कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुरेंद्र बिश्नोई ने बताया कि इस गतिविधि में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने रंग-बिरंगे पोस्टरों और प्रभावशाली स्लोगनों के माध्यम से नशे के खिलाफ अपने विचारों को अभिव्यक्त किया। कार्यक्रम के सह-संयोजक डॉ. मंजू शर्मा और डॉ. हेमंत शर्मा रहे, जबकि डॉ. वलेरिया सेठी और डॉ. संगीता मलिक ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता के परिणाम में प्रथम स्थान रिधि (बीएससी प्रथम वर्ष), द्वितीय स्थान तनीश (बीए द्वितीय वर्ष) तथा तृतीय स्थान खुशी (बीएससी द्वितीय वर्ष) ने प्राप्त किया। स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान खुशी (बीएससी द्वितीय वर्ष), द्वितीय स्थान महक (बीए तृतीय वर्ष) तथा तृतीय स्थान उषा रानी (एमएससी केमिस्ट्री) ने प्राप्त किया। इस आयोजन ने न केवल विद्यार्थियों को अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया, बल्कि नशे के खिलाफ सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। महाविद्यालय द्वारा भविष्य में भी इस तरह की गतिविधियों को आयोजित करने का संकल्प लिया गया है, ताकि युवा पीढ़ी नशामुक्ति के संदेश को और अधिक प्रभावी ढंग से समाज तक पहुंचा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर