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धर्मशाला, 28 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र, धर्मशाला में वीरवार को रेबीज जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र के निदेशक प्रोफेसर डाॅ. कुलदीप अत्री ने कहा कि रेबीज एक घातक परन्तु पूर्णतः रोके जाने योग्य रोग है और समाज में इसके प्रति जागरूकता होनी चाहिये। उन्होंने छात्रों, संकाय सदस्यों एवं स्थानीय समुदाय से आग्रह किया कि वे टीकाकरण और सतर्कता, जागरूकता से रेबीज जैसी समस्या को जड़ से समाप्त करने में योगदान दें।
विधि अध्ययन विभाग के प्राचार्य डाॅ. डी.पी. वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि पशु एवं मानव के बीच सहअस्तित्व की भावना को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कानूनी दृष्टिकोण से भी लोगों को अपने कर्तव्यों और अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस प्रकार के जन-जागरूकता अभियानों को समाज तक पंहुचाने में अग्रणी भूमिका निभाएं।
इस कार्यक्रम के आयोजन में निदेशक प्रतिभा, सोशल मीडिया एडवाइजर श्वेता, साहिल एवं कम्युनिटी एंगेजमेंट मैनेजर हिमानी नेगी, धर्मशाला एनिमल रेस्क्यू का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में छात्रों एवं संकाय ने भाग लिया और संकल्प लिया कि वे रेबीज उन्मूलन और पशु कल्याण की दिशा में सक्रिय योगदान देंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया