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धर्मशाला, 28 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक कपूर ने राज्य में आई त्रासदी के बीच मुख्यमंत्री के विधानसभा सत्र छोड़ बिहार जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का यह रवैया गैरजिम्मेदाराना और असंवेदनशील है। उन्होंने कहा कि 'जब रोम जल रहा था तो नीरो सुख और चैन की बांसुरी बजा रहा था', यह कहावत हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल पर भी सटीक रूप से बैठती है।
वीरवार को जारी एक प्रेस बयान में भाजपा नेता ने कहा कि दुर्भाग्यवश इस बार बरसात के दिनों में प्राकृतिक आपदाओं चाहे भारी बरसात हो या जगह-जगह पर बादल फटने की अनहोनी घटनाएं हो या प्रदेश के नदियों नालों में बाढ़ के रूप में भीषण कहर बरपा है। इसी कड़ी में पिछले दिनों चम्बा जिला में भी भारी बरसात और बादल फटने की घटनाओं से जिला चम्बा की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है। क्षेत्र के अंतर्गत होली में एक गांव भी इसकी चपेट में आ गया। भरमौर क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव रावी नदी में जलस्तर बड़ने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। जगह जगह भूस्खलन से मानवीय मूल्यों की क्षति हुई है लोगो की रोजमर्रा की जिंदगी ध्वस्त हो गई है। मणिमहेश की पवित्र स्नान यात्रा के तीर्थ यात्री इस त्रासदी से अपने घरों से दूर फंसे हुए हैं। संपर्क संवाद पूरी तरह बंद है जिले के 80 प्रतिशत सड़क मार्ग भूस्खलन की चपेट से प्रभावित है संचार पेयजल और बिजली की व्यवस्था पूरी तरह तहस नहस है। ऐसे हालातों के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को तुरंत प्रभावित जिला चंबा जाना चाहिए था लेकिन वह दरभंगा चले गए।
भाजपा नेता कपूर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री और उनके मंत्री कितने असंवेदनशील है इसका अनुमान प्रदेश की जनता आसानी से लगा सकती है।
त्रिलोक कपूर ने कहा कि इस इस प्रकार की असवेंदनशील व गैर जिम्मेदार सरकार की आयु लगता है अब ज्यादा नहीं है। इनके अनुभवहीन नेतृत्व के कारण आने वाले समय में प्रदेश में पहले से ही मंडराता हुआ आर्थिक संकट और इनकी आपसी अंतर्कलह के दोनों विस्फोट कांग्रेस सरकार के पतन के कारण होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया