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-समिट में विकास को लेकर बनी कई सहमति
पूर्वी चंपारण,28 अगस्त (हि.स.)। नेपाल के वीरगंज में भारत-नेपाल इकनॉमिक पार्टनरशिप समिट का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन पीएचडी,सीसीआई दिल्ली, भारतीय महावाणिज्य दूतावास बीरगंज, नेपाल-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज तथा नाडा के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
इसमे दोनों देशों के व्यापार को बढ़ाने पर मुख्य रूप से चर्चा किया गया और व्यापार में आने वाली चुनौती के निदान हेतु संयुक्त प्रयास की बात कहीं गयी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मधेश प्रदेश के नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ. सोहन प्रसाद साह ने जोर देते हुए कहा कि भारत-नेपाल जैसी संयुक्त संस्कृति, संयुक्त विरासत दुनिया में कहीं और नहीं देखा जा सकता है।
उन्होंने इस समिट के माध्यम से भारतीय व्यापारियों की सुगमता का वादा करते हुए कहा कि भारत से अभी और बड़े पैमाने पर एफडीआई की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में भारत का नेपाल में एफडीआई 35 प्रतिशत था। जो 755 मिलियन अमेरीकी डॉलर के बराबर था। 2025 में तेजी से बढ़ते हुए यह 35 प्रतिशत से बढ़कर 44.5 प्रतिशत हो गया है। जो 1201 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। उन्होंने कहा कि एफडीआई का तीन स्केल है। जिसमें पहला 50 करोड़ से ज्यादा जिसे बड़ा एफडीआई माना जाता है। वहीं 50 करोड़ से कम और 15 करोड़ से ज्यादा के एफडीआई को मध्यम और 15 करोड़ से कम के एफडीआई को छोटा एफडीआई कहते है।
नेपाल में वर्तमान समय में 150 इंडियन कंपनी काम कर रही है। बैठक में रक्सौल में एयरपोर्ट का संचालन शीघ्र शुरू करने की जरूरत पर बल दिया गया। रक्सौल रेलवे स्टेशन कुछ ट्रेने बढ़ी है,हालांकि इसे और बढाने की जरूरत है।बैठक के दौरान नेपाल की तरक्की के लिए भंसार का ऑनलाइन करने की मांग की गई।बैठक में भारतीय महावाणिज्य दूतावास के महावाणिज्यदूत देवी सहाय मीणा ने भी संबोधित किया। इंडिया-नेपाल सेंटर पीएचडी सीसीआई के सचिव अतुल कुमार ठाकुर ने कार्यक्रम के दौरान नेपाल के सभी व्यापारियों से इस तरह के आयोजन दिल्ली और पटना में करने और इसमें भाग लेने का अनुरोध किया। कार्यक्रम को एनआईसीसीआई वीरगंज के अभिषेक चौधरी, अशोक टेमानी, हरि गौतम, सुमन श्रेष्ठ, जगदीश प्रसाद अग्रवाल के अलावे अतुल ठाकुर, रंजीत कर्ण आदि ने अपने विचार रखे।
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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार