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प्रयागराज, 28 अगस्त (हि.स.)। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी ने ई-कॉफी टेबल बुक “नेचर, हेरिटेज, स्पिरिचुअलिटी एंड बियोंड-द एनसीआर सागा“ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क विभाग की ओर से प्रकाशित यह पुस्तक उत्तर मध्य रेलवे जोन द्वारा सेवित तीन प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के विविध और विभिन्न पर्यटन स्थलों का व्यापक विवरण प्रदान करती है।
इस दौरान महाप्रबंधक ने जोन के सुंदर और विविध स्थानों को प्रदर्शित करने के लिए जनसंपर्क विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक निश्चित रूप से इन स्थानों का दौरा करने के इच्छुक पर्यटकों के लिए एक वरदान साबित होगी। यह प्रयास क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। इस ई-बुक का उद्देश्य उत्तर मध्य रेलवे जोन के माध्यम से “दृश्य यात्रा“ प्रदान करना है। जिसमें इसके इतिहास, इंजीनियरिंग के चमत्कार, धार्मिक स्थल और इसके अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों की संस्कृति को दर्शाया गया है। यह भारत की “समृद्ध प्राकृतिक विरासत और विविध परिदृश्य“ का एक प्रमाण है। यह पुस्तक एनसीआर मार्ग के प्रसिद्ध स्थलों और आध्यात्मिक केंद्रों, जिनमें प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन और आगरा शामिल हैं, का अन्वेषण करती है। यह क्षेत्र के “महत्व और प्राकृतिक सुंदरता“ पर भी जोर देती है। इन स्थानों को रेलवे खंडों के अनुसार प्रमुख स्टेशनों और विशिष्ट पर्यटक स्थल तक सेवा प्रदान करने वाली ट्रेनों के साथ विस्तृत किया गया है।
पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि पुस्तक में 09 अध्याय हैं जो खंड-वार स्थानों को कवर करते हैं-1-प्रयागराज से पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, 2-प्रयागराज से गाजियाबाद, 3-वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी से बीना, 4-प्रयागराज से वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, 5-वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन से मथुरा जंक्शन, 6-कानपुर सेंट्रल से वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, 7-ग्वालियर से इटावा और आगरा से इटावा, 8-आगरा-बांदीकुई और 9-मथुरा-अलवर। प्रत्येक अध्याय में कुछ लोकप्रिय और कुछ कम ज्ञात गंतव्य हैं जो घूमने लायक हैं।
सीपीआरओ ने कहा कि “यह ई-कॉफी टेबल बुक उन सभी पर्यटन स्थलों की झलक दिखाती है जो पर्यटकों की आंखों से छिपे हुए हैं। यह उस महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है जो उत्तर मध्य रेलवे इन स्थलों तक पर्यटकों को जोड़ने में निभाता है। रेलवे केवल परिवहन का साधन नहीं है, बल्कि यह पर्यटन और सांस्कृतिक जुड़ाव का माध्यम भी है। यह पुस्तक पर्यटकों को इन विरासत स्थलों की यात्रा करने और हमारे देश की सांस्कृतिक समृद्धि को सीधे अनुभव करने के लिए प्रेरित करेगी।
वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि यह ई-बुक एनसीआर की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी और रेलवे पेशेवरों, इतिहासकारों और मेगा-इवेंट्स के लॉजिस्टिक्स में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक मूल्यवान संसाधन होने की उम्मीद है। इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक जे.एस लाकरा, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष, अन्य अधिकारी और जनसंपर्क विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र