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जींद, 28 अगस्त (हि.स.)। किसान छात्र एकता संगठन ने गुरूवार को मनीषा की संदिग्ध मौत को लेकर आवाज उठा रहे पत्रकारों व छात्रों की रिहाई की मांग को लेकर विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो. लवलीन मोहन को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
प्रदेश अध्यक्ष सुमित लाठर ने कहा कि मनीषा हत्याकांड में जिस प्रकार छात्रों और पत्रकारों को गिरफ्तार कर उन पर एफआईआर दर्ज की गई है, वह अत्यंत अशोभनीय और लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा कि मनीषा को न्याय दिलाने में सरकार पूरी तरह असफल रही है। न्याय के लिए आवाज उठाने वाले छात्रों व पत्रकारों को डराने, धमकाने की कोशिश की जा रही है, जो निंदनीय है। इससे भविष्य में पत्रकारिता और मास कम्युनिकेशन के विद्यार्थी भी भयभीत हैं कि कहीं न्याय मांगना ही अपराध न समझ लिया जाए और ऐसा न लगे कि न्याय से जुड़ी ख़बर दिखाना भी अपराध है।
बलराज कंडेला ने कहा कि सरकार ने मनीषा हत्याकांड में न्याय देने में जिस तरह की देरी की है, वह बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ है। तीन बार पोस्टमार्टम कराए जाने के बावजूद भी गंभीर कमियां उजागर होती हैं। जिससे साफ है कि पूरे प्रकरण को दबाने की कोशिश की जा रही है। अभिषेक जुलाना ने कहा कि किसी भी अपराध के लिए गलत इरादे का होना आवश्यक है। जबकि छात्रों और पत्रकारों का उद्देश्य केवल बहन मनीषा को न्याय दिलाना था न कि समाज को भड़काना। इस प्रकार निर्दोष लोगों पर कार्रवाई पूरी तरह लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा