अमेरिका को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों ने कहा- गाजा में अकाल 'मानव निर्मित संकट'
संयुक्त राष्ट्र, 27 अगस्त (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 15 में से 14 सदस्य देशों ने बुधवार को गाजा में चल रहे अकाल को “मानव-निर्मित संकट” करार दिया। परिषद के संयुक्त बयान में कहा गया कि भूख को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमा
अमेरिका को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों ने कहा- गाजा में अकाल 'मानव निर्मित संकट'


संयुक्त राष्ट्र, 27 अगस्त (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 15 में से 14 सदस्य देशों ने बुधवार को गाजा में चल रहे अकाल को “मानव-निर्मित संकट” करार दिया। परिषद के संयुक्त बयान में कहा गया कि भूख को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल करना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है।

सदस्य देशों ने तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम, सभी बंधकों की रिहाई, गाजा में बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता पहुंचाने और इजराइल से सभी प्रतिबंध हटाने की मांग की। बयान में स्पष्ट कहा गया कि “गाजा में अकाल तुरंत रोका जाना चाहिए। समय बहुत कम है, मानवीय आपात स्थिति को तुरंत संबोधित करना होगा और इजराइल को अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए।”

वैश्विक भूख मॉनिटर आईपीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा सिटी और आसपास के इलाकों में आधिकारिक रूप से अकाल घोषित हो चुका है। रिपोर्ट बताती है कि 5.14 लाख लोग, यानी गाजा की लगभग एक चौथाई आबादी, पहले ही अकाल का सामना कर रही है और सितंबर के अंत तक यह संख्या 6.41 लाख तक पहुंच सकती है।

इजराइल ने आईपीसी की रिपोर्ट को “पक्षपातपूर्ण और गलत” बताते हुए खारिज किया है। इजराइली अधिकारियों का कहना है कि यह आकलन हमास द्वारा दिए गए आंशिक आंकड़ों पर आधारित है और इसमें हाल में गाजा में भेजी गई खाद्य सहायता को ध्यान में नहीं रखा गया।

बैठक में अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोरोथी शिया ने कहा कि आईपीसी रिपोर्ट की विश्वसनीयता और सटीकता संदिग्ध है। उन्होंने कहा, “हमें पता है कि गाजा में भूख एक वास्तविक समस्या है और मानवीय जरूरतें बड़ी हैं। इन जरूरतों को पूरा करना अमेरिका की प्राथमिकता है।”

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय