हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस का हंगामा, मुख्यमंत्री के शब्द पर आपत्ति
-स्पीकर ने आपत्तिजनक शब्द हटाने का आश्वासन दिया चंडीगढ़, 27 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा विधानसभा में बुधवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा बोले गए एक शब्द को लेकर हंगामा क
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस का हंगामा, मुख्यमंत्री के शब्द पर आपत्ति


-स्पीकर ने आपत्तिजनक शब्द हटाने का आश्वासन दिया

चंडीगढ़, 27 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा विधानसभा में बुधवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा बोले गए एक शब्द को लेकर हंगामा किया गया। हंगामे के दौरान कांग्रेस पार्टी के विधायकाें ने जहां जमकर नारेबाजी की वहीं विपक्षी विधायक दो बार स्पीकर की वेल में आ गए और मुख्यमंत्री को बोलने से रोका।

झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने प्रश्नकाल के दौरान ही यह मुद्दा उठाना शुरू कर दिया था। थानेसर विधायक अशोक अरोड़ा, नूंह विधायक आफताब अहमद, कलानौर विधायक शकुंतला खटक सहित अधिकांश विधायकों ने उनका समर्थन किया।

प्रश्नकाल में आदित्य सुरजेवाला का सवाल कानून व्यवस्था को लेकर था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दावा कर रहे हैं कि गैंगस्टर प्रदेश छोड़ गए हैं या फिर सलाखों के पीछे पहुंचा दिए गए हैं। इसके बाद भी धमकियां मिल रही हैं। यानी गैंगस्टर जेलों से फोन कर रहे हैं। इस पर हंगामा हो गया।

प्रश्नकाल के तुरंत बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। वे कुछ कागज अपने हाथों में लिए हुए थे। कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री द्वारा रिप्लाई में किए गए एक शब्द पर आपत्ति जताई। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सदन में उस शब्द को कई बार दोहराया, लेकिन उन्होंने विवादित शब्द वाले एक कर्नल का नाम लेते हुए अपनी बात रखी।

दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस भी हुई और नारेबाजी भी खूब हुई। कांग्रेस विधायकों का मुकाबला करने के लिए भाजपा विधायक भी अपनी सीटों से उठकर स्पीकर वेल की ओर बढ़ गए। विवाद अधिक बढ़ता देख स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने खुद ही मोर्चा संभाला। सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से इस विवाद को समाप्त करने का आग्रह करते हुए आखिर में गेंद उन्होंने खुद के पाले में डाल ली। स्पीकर ने विपक्ष को आश्वस्त किया कि वे आपत्तिजनक शब्द को लेकर निर्णय लेंगे। हुड्डा की मांग के बाद उन्होंने यह भी कहा कि वे इस शब्द को कार्यवाही से हटवा देंगे। स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने कहा कि सदन में यह वाद-विवाद कभी खत्म नहीं होगा। हमें यहां लोगों की समस्याओं को उठाना है। सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे सदन की गरिमा को बनाए रखें।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा