जमीन मालिकाें एवं खरीदाराें के हित में तय किए कलेक्टर रेट
- इनेलाे ने विधानसभा में पेश किया ध्यानाकर्षण प्रस्ताव- सीएम ने हुड्‌डा-चौटाला सरकारों में हुई वृद्धि पर जारी की रिपोर्ट चंडीगढ़, 27 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन इनेलो द्वारा कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी को लेकर दिए गए ध्य
जमीन मालिकाें एवं खरीदाराें के हित में तय किए कलेक्टर रेट


- इनेलाे ने विधानसभा में पेश किया ध्यानाकर्षण प्रस्ताव- सीएम ने हुड्‌डा-चौटाला सरकारों में हुई वृद्धि पर जारी की रिपोर्ट

चंडीगढ़, 27 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन इनेलो द्वारा कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी को लेकर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जवाब दिया कि प्रदेश सरकार ने जमीन के मालिकों तथा खरीदारों के हितों को ध्यान में रखकर ही कलेक्टर रेट में वृद्धि की है। वर्तमान में जिन जगहों की जमीनों में 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, वहां 50 प्रतिशत तक कलेक्टर रेट की बढ़ोतरी की है। इसके बावजूद अभी भी जमीनों के बाजारी मूल्य से कलेक्टर रेट काफी कम हैं।

इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल और अर्जुन चौटाला ने प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ाई गई कलेक्टर दरों के मुद्दे पर सरकार की निर्धारण पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए कलेक्टर रेट को अधिक बताकर रिव्यू करने की मांग की थी। विधायक आदित्य देवीलाल ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा कि हाल ही में सरकार ने नए कलेक्टर रेटों में भारी वृद्धि की है। इससे आम लोगों को बहुत नुकसान हुआ है। लोगों में इसको लेकर भारी रोष है।

कांग्रेस के विधायकों ने भी इस प्रस्ताव को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे।

इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 में 300 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। 2011 और 12 में 220 प्रतिशत कलेक्टर रेट बढ़ाए गए। 2012 और 13 में 230 प्रतिशत की वृद्धि हुई।पिछली सरकारों में कलेक्टर रेट तय करने का कोई फॉर्मूला नहीं था। बिल्डरों और भूमाफियों को फायदा पहुंचाया गया है।

सीएम सैनी ने कहा कि कलेक्टर रेट बढ़ाने की ये हर साल होने वाले प्रक्रिया है। हमने कुछ नया नहीं किया। सीएम ने कहा कि विपक्षी दल बताएं कि क्या उनके कार्यकाल में कभी कलेक्टर रेट नहीं बढ़े।

मुख्यमंत्री का विपक्ष को सवाल : क्या प्रॉपर्टी खरीदने वाले को दिक्कत है या बेचने वाले को

मुख्यमंत्री ने विपक्षी विधायकों से सवाल किया कि क्या प्रॉपर्टी खरीदने वाले को दिक्कत है या बेचने वाले को है। सरकार ने इस नंबर दो के पैसे को बंद कर दिया है। किसान कलेक्टर रेट बढ़ाने की मांग कर रहा है। एनसीआर के किसान भी रेट बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। जहां तक मेरे ध्यान में है बेचने वाले को कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर 1990 से हर साल कलेक्टर रेट निर्धारित होने लगे। तब से लेकर आज तक हर साल कलेक्टर रेट बढ़ाए गए।

वर्ष बढ़ोतरी

2004-05 23.84 प्रतिशत

2005-06 24.08 प्रतिशत

2007-08 23.74 प्रतिशत

2009-10 20.53 प्रतिशत

2013-14 15.71 प्रतिश

2019-20 04.43 प्रतिशत

2021-22 07.32 प्रतिशत

2023-24 13.19 प्रतिशत 2025-26 20.49 प्रतिशत

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा