Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
चंडीगढ़, 27 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में मस्क्युलर डिस्ट्रोफी बीमारी का शिकार मरीजों के उपचार के लिए आय की प्रमाण जरूरी नहीं है। विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान मुलाना की विधायक पूजा ने यह सवाल उठाया। पूजा ने सरकार से इन मरीजों की संख्या तथा उपचार के बारे में पूछते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर बीमारी है और प्रदेश में इसके मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इसका उपचार भी काफ महंगा है।
इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने स्वीकार किया कि मस्क्युलर डिस्ट्रोफी एक गंभीर बीमारी है। जिसके लिए इलाज भारत सरकार द्वारा निर्धारित उत्कृष्टता केंद्रों में उपलब्ध है। इसका सहायक इलाज हरियाणा के सभी अस्पतालों में उपलब्ध है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा में मस्क्युलर डिस्ट्रोफी बीमारी से 116 मरीज पीडि़त हैं। सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी के इलाज के लिए किसी प्रकार के आमदनी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा