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सोनीपत, 27 अगस्त (हि.स.)। सोनीपत से विधायक निखिल मदान ने विधानसभा के मानसून सत्र में
बुधवार को सवाल उठाते हुए कहा कि हरियाणा में कार्यरत हजारों स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ)
को उचित वेतन और नौकरी की सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने शून्य काल में यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से कार्रवाई
की मांग की।
सोनीपत के विधायक निखिल मदान ने विधानसभा में स्पेशल पुलिस
ऑफिसर (एसपीओ) का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में करीब
12 हजार एसपीओ अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उन्हें न तो स्थायी नौकरी की गारंटी है
और न ही उचित वेतनमान। मदान ने बताया कि वर्ष 2004 में इनेलो सरकार ने सीआईएसएफ की
तर्ज पर एचएसआईएसएफ का गठन किया था, जिसमें 3200 जवान भर्ती किए गए। मगर 2005 में कांग्रेस
सरकार ने उन्हें नौकरी से हटा दिया। इसके बाद लंबे संघर्ष और कोर्ट केस के चलते
2016 में भाजपा सरकार ने एसपीओ को बहाल किया।
उस समय 14 हजार रुपये वेतन तय किया गया,
जिसे 2018 में 18 हजार और 2023 में 20 हजार किया गया। आज भी यही वेतनमान जारी है जबकि
नवनियुक्त होमगार्ड को 25 हजार मिल रहे हैं। मदान ने सवाल उठाया कि जब एसपीओ में अधिकतर पूर्व सैनिक हैं
और रोजाना 12 घंटे तक ड्यूटी निभाते हैं, तो उनका वेतन एक सामान्य कांस्टेबल की तरह
30 हजार रुपये क्यों नहीं होना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि एसपीओ को मेडिकल
अलाउंस, डीए और वर्दी भत्ता भी दिया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में सरकार ने कौशल कर्मचारियों
को नौकरी सुरक्षा दी है। ऐसे में एसपीओ, जिनका अनुबंध फिलहाल 2027 तक बढ़ाया गया है,
उन्हें भी स्थायी नौकरी दी जानी चाहिए और उनकी सेवाएं 58 वर्ष की आयु तक सुरक्षित की
जाए। मदान ने स्पष्ट किया कि यह केवल वेतन का सवाल नहीं, बल्कि
उन हजारों जवानों के मान-सम्मान का मुद्दा है, जिन्होंने अपनी युवावस्था में देश और
प्रदेश की सुरक्षा में योगदान दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना