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शिमला, 27 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद बुधवार को मौसम खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली। राजधानी शिमला समेत कई इलाकों में धूप खिली, हालांकि दोपहर बाद मौसम ने करवट बदली और हल्की बारिश हुई। बीते 24 घंटों में भारी बारिश में कमी आई है। चंबा में सर्वाधिक 50 मिलीमीटर, धर्मशाला व जोत में 40-40 मिलीमीटर, केलांग, चुआरी व नैना देवी में 30-30 मिलीमीटर और पालमपुर, गग्गल, बिलासपुर, अंब व करसोग में 20-20 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग ने आगामी दो सितंबर तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की चेतावनी दी है। 28 अगस्त को ऊना, हमीरपुर, मंडी, शिमला व सिरमौर जिलों में मेघगर्जन व बिजली गिरने के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 29 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 30 व 31 अगस्त को चंबा, कांगड़ा और मंडी में अलर्ट रहेगा जबकि पहली व दो सितंबर को भी प्रदेश के अधिकांश इलाकों में येलो अलर्ट जारी रहेगा।
बारिश से प्रभावित जिलों कुल्लू, मंडी, चंबा और कांगड़ा में राहत व बहाली कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बुधवार शाम तक प्रदेश में भूस्खलन और मलबा आने से 2 नेशनल हाइवे और 582 सड़कें बंद हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 258, कुल्लू में 166, कांगड़ा में 65, शिमला में 31, सिरमौर में 17, उना में 21, सोलन में 13 और बिलासपुर में 7 सड़कें ठप हैं। कुल्लू में एनएच-305 और मंडी में एनएच-3 बंद पड़े हैं।
बारिश से बिजली व पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। प्रदेश में 1155 ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं, जिनमें कुल्लू के 841 और मंडी के 295 ट्रांसफार्मर शामिल हैं। 346 पेयजल योजनाएं भी बाधित हुई हैं, जिनमें कांगड़ा की 92, कुल्लू की 88, मंडी की 64, हमीरपुर की 41 और शिमला की 35 योजनाएं प्रभावित हैं।
मॉनसून सीजन में अब तक हिमाचल में 310 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 38 लोग लापता और 369 घायल हुए हैं। जिला अनुसार देखें तो मंडी में 51, कांगड़ा में 49, चंबा में 36, शिमला व किन्नौर में 28-28, कुल्लू में 26, सोलन में 21, ऊना में 18, हमीरपुर में 16, बिलासपुर में 15, सिरमौर में 14 और लाहौल-स्पीति में 8 लोगों की जान गई है।
प्रदेश में अब तक 3519 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 747 पूरी तरह ढह गए हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 1535 मकान प्रभावित हुए, जिनमें 504 पूरी तरह गिर गए। इसके अलावा पूरे प्रदेश में 481 दुकानें और 3192 पशुशालाएं भी तबाह हो गई हैं। 1852 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षी मारे गए हैं। अब तक मानसून से कुल नुकसान का आंकड़ा लगभग 2623 करोड़ रुपये पहुंच चुका है।
इस बार के मानसून में 90 फ्लैश फ्लड, 85 भूस्खलन और 42 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें सबसे अधिक 52 फ्लैश फ्लड लाहौल-स्पीति में आए। वहीं, कुल्लू में 15, शिमला में 14, लाहौल-स्पीति में 13, मंडी में 12 और चंबा में 11 बार भूस्खलन हुआ। बादल फटने की घटनाएं मंडी में 18, कुल्लू में 10, चंबा में 6, शिमला व लाहौल-स्पीति में 3-3 और किन्नौर में 1 बार हुईं।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा