बलरामपुर जिले में गणपति बप्पा की गूंज, 100 साल बाद बन रहा ऐसा योग
बलरामपुर, 27 अगस्त (हि.स.)। पूरे भारत में हर वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। आज बुधवार को छत्तीसगढ़ में भगवान गणपति की पूजा धूमधाम से की जा रही है। बीते देर रात को ही बलरामपुर जिले के विभिन्न पंडालों में विघ्नहर्ता भगवान
गणेश प्रतिमा फाइल।


बलरामपुर, 27 अगस्त (हि.स.)। पूरे भारत में हर वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। आज बुधवार को छत्तीसगढ़ में भगवान गणपति की पूजा धूमधाम से की जा रही है। बीते देर रात को ही बलरामपुर जिले के विभिन्न पंडालों में विघ्नहर्ता भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है।

सौ साल बाद बन रहा ऐसा योग

पंचांग अनुसार, इस बार गणेश चतुर्थी पर करीब 100 साल बाद पावरफुल नवपंचम राज योग बन रहा है। यह योग कई राशि के जातकों के लिए बेहद है खास होगा, तो करियर और कारोबार में तरक्की के योग भी बनेेेगा। गणेश चतुर्थी के दिन शुक्र ग्रह कर्क राशि में गोचर करेंगे। इस दिन चंद्रमा दिनभर कन्या राशि में भोग करने के बाद रात्रि 7.04 पर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन शुक्र और वरुण की युति नवपंचम राज योग बना रहे हैं। वहीं इस समय सूर्य सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं। इस रवि योग और सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है।

जिले के रामानुजगंज स्थित पंडित ददन पांडेय ने कहा कि, जीवन में प्रगति और लोकप्रियता के साथ स्थिरता प्राप्त करने के लिए इस दिन भगवान गणेश का पूजन अत्यंत लाभदायक होता है। शास्त्रों में भगवान गणेश को 'एकदंतो महबुद्धिः कहा गया है। यानी एकदंत श्रीगणेश ने समस्या के समाधान के लिए बुद्ध के प्रतीक अपने गजशीश में उपलब्ध दोनों दांत का उपयोग नहीं करते हैं।

उन्होंने कहा कि, गणपति पूजा के दिन अपने दफ्तर, कार्यालय या घरों में भगवान गणेश की पूजा करने से वास्तु दोष दूर होते हैं। भवन के जिस भाग में वास्तु दोष हो उस स्थान पर घी मिश्रित सिंदूर से दीवार पर स्वास्तिक बनाने से वास्तु दोष कम होता है। घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में वक्रतुण्ड की प्रतिमा या चित्र लगाए जा सकते हैं किन्तु यह ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि किसी भी स्थिति में इनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में नहीं होना चाहिए।

शास्त्रों में विधान है कि भगवान गणेश की आकृति, विभिन्न सामग्रियों से बनाकर उसका विधिवत पूजन करने से समस्याओं के समाधान सुलभ होता है।

चावल के गणेश : सफेद चावल के गणेश बनाकर उनका शीश लाल चावल से बनाएं और आम की लकड़ी के आसन पर बैठाएं। मंत्र 'ह्रीं ब्रह्म स्तुताए नमः' से 10 दिनों तक पूजन करें। पारिवारिक शांति मिलेगी और पति-पत्नि के संबंध मधुर होंगे।

मूंग दाल के गणेश: बुद्धि और निर्णय लेने संबंधी समस्या के समाधान के लिए हरे रंग की खड़ी मूंग और गुड़ को मिलाकर गणेश प्रतिमा बनाएं। 10 दिनों तक शूर्प कणाएं नमः' मंत्र से पूजन करें। छात्रों को लाभ और बुद्धि संबंधी समस्या का समाधान होगा।

लाल चंदन के गणेश: लाल चंदन को पीस कर उससे गणेश प्रतिमा बनाएं लाल आसन पर स्थापित कर 10 दिनों तक 'रक्त लम्बोदराय नमः' मंत्र से पूजन करें। ऐसा करने से ऊर्जा बढ़ेगी, प्रतियोगिता में सफलता के साथ रोग भी शांत हो सकते हैं।

गोबर के गणेश: गाय के गोबर से गणेश बनाकर उसे सुखा लें। साथ ही 10 दिन 'ब्रह्म वित्तमाये नमः' का पूजा के समय जाप करें। इससे आर्थिक और कोर्ट-कचहरी संबंधी समस्या का निवारण हो सकेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय