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भोपाल, 27 अगस्त (हि.स.) । मध्य प्रदेश में स्कूल के विद्यार्थियों के आधार कार्ड स्कूल में ही तैयार करने और अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) को सुगम बनाने के लिए “विद्यार्थियों के लिए आधार, अब स्कूल के द्वार” अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान में अब सभी सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों को यूडीआईएसई+ पोर्टल पर अपने विद्यार्थियों के लंबित बायोमेट्रिक अपडेट की जानकारी उपलब्ध होगी। विद्यार्थियों के एमबीयू को और सुगम बनाने के लिए, यूआईडीएआई और भारत सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की तकनीकी टीमों ने यूडीआईएसई+ पोर्टल के माध्यम से यह नया समाधान लागू किया है। यह अभियान वर्तमान में प्रदेश के 44 जिलों में सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है और शीघ्र ही शेष 11 जिलों में भी शुरू होगा।
जनसंपर्क अधिकारी जूही श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के आधार में अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट सुनिश्चित करना है, जिसमें उंगलियों के निशान, आईरिस स्कैन और तस्वीर शामिल हैं। अपडेटेड आधार विद्यार्थियों के लिए स्कूल प्रवेश, प्रवेश परीक्षाओं, छात्रवृत्ति और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजनाओं जैसी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए आवश्यक है। स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला प्रशासन, जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्राचार्यों को निर्देश जारी किये हैं कि वे इस पोर्टल का उपयोग कर अधिक से अधिक विद्यार्थियों के आधार अपडेट सुनिश्चित करें। विद्यार्थी इस अभियान के तहत स्कूलों में आयोजित शिविर या निकटतम आधार सेवा केंद्र पर जाकर अपने एमबीयू पूर्ण कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि आधार में पहला अपडेट तब आवश्यक है जब बच्चा 5 वर्ष का हो जाए। पहला एमबीयू 5 से 7 वर्ष की आयु के बीच पूरा होने पर निःशुल्क है। सात वर्ष से अधिक आयु होने पर शुल्क लागू होगा। दूसरा एमबीयू 15 वर्ष की आयु पर आवश्यक है। तीसरा एमबीयू 15 से 17 वर्ष की आयु के बीच निःशुल्क है, लेकिन 17 वर्ष के बाद शुल्क लागू होगा। यह अभियान विद्यार्थियों को समय पर आधार अपडेट की सुविधा प्रदान कर उनकी शिक्षा और कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ने की प्रक्रिया को और सरल बनाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत