बलोचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को चेतावनी दी
कहा-बलोचिस्तान के संसाधनों का दोहन करने में पाकिस्तान के साथ गठबंधन करने वाली किसी भी विदेशी शक्ति को परिणाम भुगतने होंगे क्वेटा (बलोचिस्तान) पाकिस्तान, 27 अगस्त (हि.स.)। बलोचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, सऊ
यह फिदा अहमद बलोच का स्मारक है। उन्होंने 1980 के दशक में बलोच राष्ट्रीय युवा आंदोलन की स्थापना की थी। फोटो - इंटरनेट मीडिया


कहा-बलोचिस्तान के संसाधनों का दोहन करने में पाकिस्तान के साथ गठबंधन करने वाली किसी भी विदेशी शक्ति को परिणाम भुगतने होंगे

क्वेटा (बलोचिस्तान) पाकिस्तान, 27 अगस्त (हि.स.)। बलोचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को चेतावनी दी है। बीएलएफ ने कहा कि बलोचिस्तान के संसाधनों का दोहन करने में पाकिस्तान के साथ गठबंधन करने वाली किसी भी विदेशी शक्ति को परिणाम भुगतने होंगे। इसी के साथ बीएलएफ ने अपने आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय समर्थन की अपनी अपील को दोहराया है।

द बलोचिस्तान पोस्ट की खबर के अनुसार, यह चेतावनी बीएलएफ के प्रवक्ता मेजर ग्वाहरम बलोच ने जारी एक बयान में दी। प्रवक्ता ने कहा कि बीएलएफ का आंदोलन बलोच राष्ट्रीय मुक्ति संग्राम है। इस संघर्ष का एकमात्र मकसद पाकिस्तान से आत्मनिर्णय का अधिकार प्राप्त करना है।

मेजर ग्वाहरम ने कहा कि बलोच स्वतंत्रता संग्राम 75 वर्ष से भी अधिक समय से चल रहा है। बयान में कहा गया है, बलोच आतंकवादी नहीं हैं। वे स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अपनी मातृभूमि, संसाधनों और राष्ट्रीय पहचान की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

बीएलएफ ने बलोचिस्तान की खनिज संपदा के खनन के संबंध में पाकिस्तान के साथ नए समझौते करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की कड़ी निंदा की। ग्वाहरम के अनुसार, वाशिंगटन का यह निर्णय एक गंभीर अन्याय है। बयान में अमेरिका की संलिप्तता की तुलना पाकिस्तान और चीन के बीच ग्वादर बंदरगाह और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर हुए पहले के समझौतों से की गई।

बीएलएफ ने बीजिंग पर बलोच स्वतंत्रता आंदोलन को आतंकवाद बताकर अपनी औपनिवेशिक भूमिका को छुपाने का आरोप लगाया। प्रवक्ता ने कहा, बलोचिस्तान के संसाधनों की लूट में पाकिस्तान के साथ साझेदारी करने वाले किसी भी व्यक्ति को कोई सफलता हासिल नहीं होगी।

बीएलएफ ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी चेतावनी दी और दोनों देशों से बलोचिस्तान में निवेश से बचने का आग्रह किया।

ग्वारम बलोच ने पाकिस्तान की सेना पर बलोचिस्तान में नागरिकों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया। समूह ने अपना रुख दोहराया कि बलोच मुक्ति आंदोलन पाकिस्तान का आंतरिक मामला नहीं है। ग्वारम ने सीधे तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और चीन को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि बलोचिस्तान के संसाधनों का दोहन करने में पाकिस्तान के साथ गठबंधन करने वाली किसी भी विदेशी शक्ति को परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा, यह जापान नहीं है, आयरलैंड नहीं है, या कोई और क्षेत्र नहीं है। यह बलोचिस्तान है। विरोधियों के लिए इसका भूगोल कठोर है, लेकिन बलोचों का प्रतिरोध कहीं ज्यादा कठोर है।

समूह के प्रवक्ता ने कहा कि बीएलएफ को पड़ोसी देशों और वैश्विक शक्तियों से वित्तीय, सैन्य और कूटनीतिक समर्थन की आवश्यकता है। बलोच ने यह भी कहा, हमें अपना संघर्ष शुरू करने या खत्म करने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। बलोच राष्ट्र किसी भी कीमत पर अपने खनिजों, तेल, गैस और तटरेखा की रक्षा करेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद