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कोलकाता, 27 अगस्त (हि.स.)। दुर्गापूजा के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। बुधवार को बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में पश्चिम बंगाल बिजली वितरण विभाग और सीईएससी सहित कई विभागों और एजेंसियों के अधिकारी मौजूद थे।
मंत्री ने बताया कि इस वर्ष पूजा पंडालों में बिजली की मांग लगभग 12 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। पिछले वर्ष पंचमी और षष्ठी के दौरान यह मांग 9,912.71 मेगावाट तक गई थी। सरकार ने आश्वस्त किया है कि राज्य और सीईएससी दोनों ही अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
अरूप विश्वास ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2011 में जहां डब्ल्यूबीएसईडीसीएल के अंतर्गत 20,970 पूजा होती थीं और केवल 210 मेगावाट बिजली की आवश्यकता पड़ती थी, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 50,550 हो गई है और यह मांग 1,348 मेगावाट तक पहुंच गई है। यानी मांग में 542 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार राज्यभर में कुल 3,450 मोबाइल वैन तैनात रहेंगी ताकि कहीं भी बिजली की समस्या होने पर तुरंत समाधान किया जा सके। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 19121 जारी किया गया है। साथ ही नागरिक व्हाट्सऐप नंबर 8900793504 और सीईएससी क्षेत्र के उपभोक्ता 9831079666 पर भी संपर्क कर सकेंगे।
मंत्री ने कहा कि दुर्गापूजा के दौरान विभाग के 1,616 वरिष्ठ अधिकारी 24 घंटे ड्यूटी पर रहेंगे और कुल 73,714 कर्मचारी सेवा में तैनात होंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि पूजा समितियों को बिजली बिल पर 80 प्रतिशत छूट मिलेगी।
मंत्री ने पूजा समितियों से आग्रह किया कि वे जितनी बिजली की आवश्यकता हो, उतने के लिए आवेदन करें। उन्होंने चेतावनी दी कि कम बिजली का आवेदन करने से बाद में अनियंत्रित भार पड़ता है और इससे दुर्घटनाएं होती हैं। साथ ही, उन्होंने पंडालों में दहनशील पदार्थ और कटी हुई तारों को लेकर भी विशेष सावधानी बरतने की अपील की।--------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर