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पटना, 27 अगस्त (हि.स.)।
देश में अंग्रेजों के जमाने के सभी आपराधिक कानूनों को बदलते हुए-2023 में नये कानून बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) को लाया गया । इसमें कानून से लेकर न्याय व्यवस्था तक में व्यापक बदलाव किए गए। सीआईडी के अंतर्गत एटीएस में प्रत्येक महीने औसतन 350 कर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
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इसमें उल्लेखित तमाम बारीकियों की समुचित जानकारी सभी स्तर के पुलिस कर्मियों खासकर दारोगा से लेकर डीएसपी और इससे ऊपर के तक के पदाधिकारियों को देना अनिवार्य हो गया है। कानून का पाठ पढ़ाने के लिए सभी पुलिस कर्मियों के लिए समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जो निरंतर जारी है।
सीआईडी में मौजूद एडवांस ट्रेनिंग स्कूल (एटीएस) को इसके लिए खासतौर से तैयार किया गया है। प्रत्येक महीना यहां औसतन 350 यानी प्रत्येक जिला के 8 पुलिस पदाधिकारियों को विशेष विषय वस्तुओं की ट्रेनिंग दी जाती है। पुलिस पदाधिकारियों को सभी नए बदलावों से अपडेट करते हुए उन्हें अधिक सक्षम, जानकार और तकनीकी रूप से दक्ष बनाना है।
आगामी 2 सितम्बर से इस प्रशिक्षण संस्थान का 173वां बैच का प्रशिक्षण शुरू होने जा रहा है। 171वें बैच का प्रशिक्षण 8 से 21 जुलाई तक आयोजित किया गया था, जिसमें सीधे नियुक्त 343 दारोगा को ट्रेनिंग दी गई थी। इसके बाद 172वां और अब 173वां बैच को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
पुलिस पदाधिकारियों को एसटीएस के माध्यम से 15 दिनों की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें नए विधिक ज्ञान, डिजिटल फॉरेंसिक, सीसीटीवी विश्लेषण, मोबाइट डाटा ट्रैकिंग, डीएनए, फिंगरप्रिंट, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा कुछ विशेष विषयों की जानकारी दी जाती है।
पुलिस पदाधिकारियों को कई विशिष्ट बिन्दुओं पर प्रशिक्षण देने के लिए देश के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें नई दिल्ली स्थित नेश्नल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, एनसीआरबी, चंडीगढ़ स्थित सीडीटीआई, हैदराबाद स्थित नार्थ ईस्ट पुलिस एकेडमी, मेघालय स्थित यूएमएसएडब्ल्यू जैसे संस्थान शामिल हैं। आने वाले समय में ऐसे संस्थानों से दो हजार पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने की योजना है।
इस बारे में सीआईडी के एडीजी पारसनाथ ने बातचीत में बताया कि पुलिस कर्मियों को नए कानून समेत तमाम मूलभूत बातों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए समुचित ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाया गया है। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। आगामी वर्ष तक 2 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों हर तरह से सक्षम और सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ताकि समुचित तरीके से पुलिसिंग हो सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी