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—बाढ़ नियंत्रण कक्ष सक्रिय, प्रशासन सतर्क
वाराणसी,26 अगस्त (हि.स.)। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश का असर अब वाराणसी में भी साफ दिखाई देने लगा है। गंगा नदी, जो बीते कुछ दिनों से शांत थी, एक बार फिर उफान पर है। इसके साथ ही सहायक नदी वरुणा का जलस्तर भी पलट प्रवाह के चलते तेजी से बढ़ रहा है, जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। वरुणा नदी का पानी वरूणा कॉरिडोर को डुबोते हुए बस्ती में प्रवेश कर चुका है । स्थिति को देखते हुए तटवर्ती क्षेत्र के निवासियों में बाढ़ को लेकर चिंता बढ़ गई है।
—तेजी से बढ़ रहा है जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, मंगलवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 68.94 मीटर दर्ज किया गया, जो प्रति घंटे लगभग 9 सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। वहीं, सोमवार रात 12 बजे जलस्तर 68.16 मीटर था,बीते कुछ घंटों में जलस्तर में तेजी से इजाफा हुआ है। गंगा में चेतावनी स्तर 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर निर्धारित है। वर्तमान वृद्धि दर को देखते हुए जलस्तर चेतावनी बिंदु के निकट पहुंचने की आशंका है।
—घाटों पर स्थिति गंभीर
जलस्तर बढ़ने से वाराणसी के प्रमुख घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है। हरिश्चंद्र घाट पर गलियों तक पानी पहुंचने से शवदाह की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है। घाट किनारे स्थित छोटे मंदिर जलमग्न हो गए हैं।
—प्रशासन ने संभाला मोर्चा
गंगा और वरुणा नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष को सक्रिय कर दिया है। अधिकारियों को सतर्क रहने और तटीय इलाकों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी