लिव इन रिलेशनशिप भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं : यतिन्द्रानंद गिरी
--गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने व पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग
बिजनौर, 26 अगस्त (हि.स.) | लिव इन रिलेशनशिप भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है, यह पश्चिमी सभ्यता की देन है। यह मनुष्यता की संस्कृति नहीं है। अगर साथ रहना है तो विवाह कीजिए यही
Invalid email address
संपर्क करें
हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी एम-6, भगत सिंह मार्केट, गोल मार्केट, नई दिल्ली- 110001