विश्व गणित की आत्मा है भारत का शून्य : रणविजय सिंह
गोरखपुर, 26 अगस्त (हि.स.)। भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा को यदि केवल अध्यात्म और दर्शन तक सीमित मान लिया जाए, तो यह हमारी ऐतिहासिक दृष्टि की संकीर्णता होगी। वास्तव में भारत वह भूमि रही है, जहां न केवल आत्मा और परमात्मा पर विमर्श हुआ, बल्कि संख्याओं के
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