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लखनऊ/नई दिल्ली, 25अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अगली बार चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि जनता ने जो विश्वास जताकर उन्हें भेजा है, उसे पूरा करने के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति का उद्देश्य समाज को देना होना चाहिए, लेना नहीं।दिल्ली विधानसभा में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन के दूसरे दिन सोमवार को अपने उद्बोधन में सतीश महाना ने कहा कि हमें अपनी जिम्मेदारी स्वयं निभानी होगी। कोई दूसरा इसे नहीं निभा सकता। उन्होंने इस तरह के सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि जिस आदर्श, साहस, ऊर्जा और समर्पण की आवश्यकता है, वह ऐसे सम्मेलनों से प्राप्त होता है।
महाना ने कहा कि भारत केवल भौगोलिक सीमाओं तक सीमित देश नहीं है, बल्कि यह एक विचार, एक चेतना और ऐसी सम्यता है जिसने मानव समाज को शासन, न्याय और सामाजिक समरसता के उच्चतम आदर्श दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत की शासन परंपराएं इतनी प्राचीन रही हैं कि जब विश्व के अन्य भागों में केवल राजतंत्र या जनजातीय शासन प्रचलित था, तब भारत में सामाजिक विमर्श की परंपरा थी। यही कारण है कि भारत की पहचान लोकतंत्र को जन्म देने और उसे पोषित करने वाले राष्ट्र के रूप में होती है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख करते हुए महाना ने कहा कि “सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियाँ बनेंगी-बिगड़ेंगी, पर यह देश रहना चाहिए।” भारत कोई जमीन का टुकड़ा मात्र नहीं, बल्कि एक जीवंत और जाग्रत राष्ट्र है।यह सम्मेलन केंद्रीय विधान सभा के प्रथम भारतीय अध्यक्ष सर विट्ठलभाई पटेल के निर्वाचन की शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 24 अगस्त को किया और समापन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के भाषण के साथ हुआ।इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश की 29 विधानसभाओं के अध्यक्ष और छह विधान परिषदों के सभापति एवं उपसभापति सम्मिलित हुए। इसमें राज्यसभा के सभापति और केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई सदस्य भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला