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- प्रदेश की पांच जेलों में कौशल विकास के 12 कोर्स कर सकेंगे बंदी
चंडीगढ़, 25 अगस्त (हि.स.)। सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डाॅ. अरविंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जेलों में बंदियों के सुधार, पुर्नवास एवं समाज की मुख्यधारा में लाने की कवायद के बीच प्रदेश की पांच जेलों में बंदियों को कौशल विकास के 12 कोर्साें को शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेल बंदियों को कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा के तीन वर्षीय डिप्लोमा के अवसर भी उपलब्ध होंगे, इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुरुग्राम जेल में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
सोमवार को जेल मंत्री डाॅ अरविंद शर्मा ने हरियाणा सिविल सचिवालय स्थित कार्यालय में जेल महानिदेशक आलोक कुमार राय, गृह विभाग के सचिव मनीराम शर्मा, उपसचिव गगनदीप सिंह के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक उपरांत जेल मंत्री डाॅ अरविंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जेलों में बंद बंदियों के सुधार, पुनर्वास व समाज की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की गई। जेल बंदियों को सजा पूरी करने के बाद सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में रोजगार के उचित अवसर उपलब्ध हों, इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग के साथ मिलकर विभिन्न जेलों में तकनीकी कोर्स के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री डाॅ. अरविंद शर्मा ने बताया कि गुरुग्राम जेल में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक तकनीकी डिप्लोमा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जहां जेल बंदियों को तीन वर्षीय कम्प्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए तकनीकी सहयोग राजकीय तकनीकी संस्थान इन्द्री (मेवात) द्वारा दिया जाएगा। इसी कडी में 5 जेलों में 12 औद्योगिक प्रशिक्षण कोर्स करवाए जाएंगे। इसमें केंद्रीय जेल अंबाला में पोशाक निर्माण एवं वेल्डर, करनाल जेल में पोशाक निर्माण व सौंदर्य प्रसाधन, पानीपत जेल में सिलाई प्रशिक्षण एवं बढ़ई, गुरुग्राम जेल में कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, वेल्डर एवं प्लंबर, फरीदाबाद जेल में कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, इलेक्ट्रीशियन एवं बढ़ई के कोर्स शामिल हैं।
जेल मंत्री डाॅ. अरविंद शर्मा ने बताया कि जेलों में बंद इन बंदियों को सजा पूरी होने के बाद सरकारी क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इस कडी में जेल विभाग कौशल रोजगार निगम लिमिटेड एवं उद्योगों के साथ एमओयू कर रहा है ताकि उनके लिए रोजगार के अवसरों की कमी न रहे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक कोर्स करवा रही इन जेलों में जेल बंदियों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। जेल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक बंदियों को उनकी रूचि के औद्योगिक कोर्सों में भागीदारी करने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि कौशल विकास के साथ आत्मनिर्भर बन सकें। यही नहीं श्रम विभाग के साथ मिलकर सजा पूरी कर चुके बंदियों को विभिन्न योजनाओं के तहत लोन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा