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कहा- निवेश चक्र में उत्साह बढ़ाने के लिए बैंकों और कंपनियों को एक साथ आना होगा
नई दिल्ली/मुंबई, 25 अगस्त (हि.स)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को इसबात पर जोर दिया कि सतत विकास के लिए वित्तीय स्थिरता और मूल्य स्थिरता आवश्यक है। उन्होंने बैंकों और कंपनियों से नए निवेश को बढ़ावा देने और देश की उद्यमशीलता की भावना को पुनर्जीवित करने के लिए हाथ मिलाने का आग्रह किया।
आरबीआई के गवर्नर ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा संयुक्त रूप से यहां आयोजित 'एफआईबीएसी 2025' को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने भारत की वृहद आर्थिक स्थितियों पर कहा कि भारत इस समय एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, क्योंकि हम अस्थिर वैश्विक आर्थिक परिवेश में आगे बढ़ रहे हैं।
संजय मल्होत्रा ने जोर देकर कहा, हमें विकास की सीमाओं को आगे बढ़ाने और आने वाले अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था कई गुना विस्तारित हुई है और यह लचीलेपन और आशा का प्रतीक बनी हुई है। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि सतत विकास के लिए वित्तीय स्थिरता और मूल्य स्थिरता आवश्यक है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मूल्य स्थिरता के संदर्भ में मौद्रिक नीति के प्राथमिक उद्देश्य ने भारत के व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आरबीआई व्यवसाय सुगमता को बढ़ाने का प्रयास करेगा। मल्होत्रा ने कहा कि रिजर्व बैंक ने विकास के उद्देश्य को नजरअंदाज नहीं किया है। हम विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता के प्राथमिक उद्देश्य के साथ मौद्रिक नीति का संचालन जारी रखेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर