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- शासकीय कर्मचारियों को मिली साइबर सुरक्षा की ढाल
विदिशा, 25 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एमपी-सर्ट द्वारा साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को कलेक्ट्रेट में कलेक्टर अंशुल गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया था। मध्य प्रदेश शासन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की विशेष इकाई एमपी-सर्ट (मध्य प्रदेश-कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम) द्वारा साइबर सुरक्षा जागरूकता और तैयारी को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से जिला स्तर पर विशेष पहल की जा रही है। इसी क्रम में विदिशा जिले में आज एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिला प्रशासन एवं संबंधित हितधारकों को नवीनतम साइबर खतरों, सुरक्षित डिजिटल व्यवहार तथा साइबर अपराध से जुड़े कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान करना था।
एमपी-सर्ट टीम का नेतृत्व अम्बर पांडे (प्रमुख, एमपी-सर्ट) ने किया। उनके साथ रूचा महाले (राज्य समन्वयक), योगेश पंडित (कानूनी सलाहकार एवं साइबर विशेषज्ञ), प्रियंका गोस्वामी एवं रूप नारायण गौर ने प्रशिक्षण सत्रों का संचालन किया। टीम ने सायबर खतरों की रोकथाम, डेटा सुरक्षा, शासकीय कार्यालयों के लिए साइबर हाइजीन तथा ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव विषयों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया। साथ ही शासकीय कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के कानूनी एवं तकनीकी पहलुओं से भी अवगत कराया गया, ताकि वे त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया उपाय अपना सकें।
कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने जिला अधिकारियों को अनेकों बिंदुओं पर सदोहरण दिए हैं। कार्यशाला में अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार डामोर , जिपं सीईओ ओपी सनोडिया समेत विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी तथा डीईजीएम अमित अग्रवाल उपस्थित रहे।
जिला कलेक्टर ने शासकीय कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि “दैनिक जीवन एवं शासकीय कार्यों में सुरक्षित डिजिटल पद्धतियों को अपनाना समय की आवश्यकता है।”विदिशा में संपन्न यह प्रशिक्षण कार्यक्रम, एमपी-सर्ट की उस राज्य स्तरीय व्यापक पहल का हिस्सा है जिसके अंतर्गत मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में जमीनी स्तर पर साइबर जागरूकता का प्रसार किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य शासन एवं जनसेवाओं को साइबर दृष्टि से और अधिक सुरक्षित एवं सुदृढ़ बनाना है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर