कटिहार में ईसाई मिशनरी पर धर्मांतरण के आरोप, हिंदू देवी-देवताओं के विरुद् की अपमानजनक टिप्पणी
कटिहार, 25 अगस्त (हि.स.)। कटिहार जिले में ईसाई मिशनरी के फादर झंटू उरांव और उनके सहयोगी सनातन धर्म को मानने वाले आदिवासी समाज के लोगों को पैसे और धन का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस दौरान हिंदू देवी-देवताओं के विरुद्ध अपमान
धरना दे रहे आदिवासी समाज के लोग


कटिहार, 25 अगस्त (हि.स.)। कटिहार जिले में ईसाई मिशनरी के फादर झंटू उरांव और उनके सहयोगी सनातन धर्म को मानने वाले आदिवासी समाज के लोगों को पैसे और धन का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस दौरान हिंदू देवी-देवताओं के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी की गई और लोगों को भड़काया गया कि हिंदू देवी-देवताओं में कोई शक्ति नहीं है।

इस मामले के विरोध में सोमवार को सैकड़ो की संख्या में आदिवासी समाज के महिला एवं पुरुषों ने समाहरणालय के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान आदिवासी सममाज के लोगों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौपा।

धरना में शामिल लोगों ने बताया कि कटिहार शहर के दूरदर्शन केंद्र स्थित डुमरी खाल मुहल्ले में फादर झंटू उरांव के द्वारा बीते 10 अगस्त को सैकड़ों आदिवासी महिला पुरुषों को इकट्ठा करके बड़े पैमाने पर प्रार्थना के नाम पर धर्मांतरण कराया जा रहा था। इस सभा में राजेश कुमार दास भी शामिल हुए थे, जिन्होंने आरोप लगाया कि फादर झंटू उरांव और उनके सहयोगी हिंदू धर्म को गाली दे रहे थे और हिंदू देवी-देवताओं के विरुद्ध निंदनीय शब्दों का प्रयोग कर रहे थे। और प्रार्थना सभा में शामिल आदिवासी लोगों को प्रलोभन दिया जा रहा था कि ईसाई धर्म अपनाने से उनको काफी रुपया भी मिलेगा और उनके बच्चों को शिक्षा, दवाई, चिकित्सा आदि भी दिया जाएगा।

जब राजेश ने इसका विरोध किया तो सबने मिलकर राजेश को गाली-गलौज और धक्का मुक्की किया। इस घटना की सूचना पाकर जब राजेश के मित्र लोग वहां पहुंचे तो ईसाई मिशनरी के फादर झंटू उरांव और उनके सहयोगियों ने उनके साथ भी मारपीट किया। तब अपनी पोल खुलते देख उन लोगों ने हरिजन एक्ट के तहत केश में फंसा कर जेल में बंद करवाने की धमकी भी दी और अपने लोगों के द्वारा एक माहौल बनाया कि हम पर हमला किया गया।

धरना दे रहे लोगों ने बताया कि इस मामले में प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई है, लेकिन आरोप है कि प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे हिंदूवादी लोगों के विरुद्ध ही कार्रवाई करने लगी, जिससे इन ईसाई मिशनरी के लोगों का मनोबल और भी ज्यादा बढ़ गया है। इस स्थिति पर हिंदू विरोधी राजनीतिक लोग भी अपनी रोटियों सेंकने में लगे हैं, क्योंकि बिहार में अगले 2-3 माह में चुनाव होने वाला है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विनोद सिंह