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धर्मशाला, 25 अगस्त (हि.स.)। डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज में आयोजित प्रथम राज्य-स्तरीय चिकित्सा सम्मेलन में नवाचार के साथ उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए गहन मंथन किया गया। इस दौरान नए उपचारों और नैदानिक तरीकों पर भी प्रतिभागियों ने अपने विचार सांझा किए। सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि पद्म श्री डॉ क्षमा मैत्रेये ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में तीव्र विकास के कारण, मेडिकल छात्रों के लिए आजीवन सीखने और नए कौशल हासिल करने के अवसर बढ़ रहे हैं। नवाचार से जुड़े कौशल और ज्ञान मेडिकल छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।
उन्होंने युवा डॉक्टरों से भौतिकवादी से परे देखने और जमीनी स्तर पर समस्याओं की पहचान करके समाज की सेवा करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। इस अवसर पर प्रशिक्षु चिकित्सकों की ओर से वैज्ञानिक पेपर, क्लीनिक केयर पर प्रेजेंटेशन भी दी तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में आए तकनीकी बदलाव पर भी विस्तार से चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि टांडा मेडिकल का कालेज में पहली बार प्रशिक्षु चिकित्सा सम्मेलन आयोजित किया गया है ताकि प्रशिक्षुओं को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके।
कार्यक्रम की समन्वयक डा मोनिका पठानिया ने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षु छात्रों में समस्या समाधान कौशल को विकसित करना तथा नवाचार के माध्यम से नए उपचारों और नैदानिक तरीकों में योगदान सुनिश्चित करना रहा। डा राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा ने राज्य के पहले स्नातक चिकित्सा सम्मेलन सफलतापूर्वक मेजबानी की है। इस कार्यक्रम ने एमबीबीएस छात्रों को विचारों का आदान -प्रदान करने और ज्ञान प्राप्त करने के अवसर प्रदान किया है। इस सम्मेलन में करीब 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया