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धर्मशाला, 25 अगस्त (हि.स.)। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में सोमवार से जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) और भारतीय सशस्त्र बलों के समकक्ष रैंक के कर्मियों के लिए कृषि वानिकी, मशरूम, मधुमक्खी पालन और बकरी पालन पर 16-सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। यह कार्यक्रम 12 दिसंबर 2025 तक जारी रहेगा। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल सत्यजीत अहलावत उपस्थित थे, जिन्होंने सशस्त्र बलों के कर्मियों के लाभ के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय को धन्यवाद किया और सेवा के बाद आजीविका के अवसरों के लिए उन्हें तैयार करने में इनके महत्व पर ज़ोर दिया।
पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित यह प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि यह विश्वविद्यालय द्वारा 2025 में आयोजित किया जाने वाला तीसरा पुनर्वास प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो सैन्य कर्मियों के लिए क्षमता निर्माण और आजीविका सृजन के प्रति इसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस प्रशिक्षण में देश भर से कुल 20 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें भारतीय सेना से 12, भारतीय वायु सेना से 5 और भारतीय नौसेना से 3 प्रतिभागी शामिल हैं।
प्रसार शिक्षा निदेशक, डॉ. विनोद शर्मा ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रशिक्षण प्रभारी, डॉ. लव भूषण ने उद्घाटन सत्र के दौरान 16-सप्ताह के प्रशिक्षण का अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें इसके उद्देश्यों, पाठ्यक्रम संरचना और अपेक्षित परिणामों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
उधर अपने संदेश में कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने इस पहल की सराहना की और सैन्य कर्मियों को वैज्ञानिक ज्ञान और उद्यमशीलता कौशल से सशक्त बनाने के लिए विश्वविद्यालय के समर्पण को रेखांकित किया, जो आजीविका सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण दोनों का समर्थन करते हैं।
इस उद्घाटन सत्र अवसर पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से जुड़े सभी विभागाध्यक्षों और वैज्ञानिकों ने में भाग लिया और प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करने में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया