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नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स)। भारत और जापान ने जापान-भारत स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी के तहत ऊर्जा क्षेत्र में अपनी साझेदारी को और गहरा किया है। इसका मुख्य उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित है।
विद्युत मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मंत्रिस्तरीय भारत और जापान ऊर्जा वार्ता आयोजित की गई, जिसकी सह-अध्यक्षता केंदीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल और जापान सरकार के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री मुतो योजी ने की। इस बातचीत के दौरान विद्युत मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और कोयला मंत्रालय ने अपने-अपने संयुक्त कार्यसमूहों के तहत हुई प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं और भविष्य के सहयोग के मार्गों की रूपरेखा प्रस्तुत की। वहीं, दोनों पक्षों ने भारत और जापान के बीच ऊर्जा पर आधारित बातचीत और क्षेत्रीय संयुक्त कार्य समूहों (जेडब्ल्यूजी) के जरिए इस सहयोग को संस्थागत रूप दिया।
मंत्रालय ने कहा कि इस संवाद में स्मार्ट ग्रिड, हरित हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, ऊर्जा भंडारण, ऊर्जा दक्षता और सतत ईंधन सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों, वैकल्पिक बैटरी रसायन विज्ञान, महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला और कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण (सीसीयूएस) जैसे अग्रणी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर भी सहमति व्यक्त की।
भारत एवं जापान के मंत्रियों ने इस वार्ता के दौरान ऊर्जा सुरक्षा और समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इसके साथ ही ऊर्जा दक्षता, स्वच्छ हाइड्रोजन, अमोनिया, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में प्रगति का स्वागत किया और ऊर्जा क्षेत्र में कार्बन अवशोषण, उपयोग और भंडारण, हरित रसायन, जैव ईंधन और उन्नत प्रौद्योगिकियों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
इसके अलावा दोनों देशों के मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-जापान साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित, सशक्त और टिकाऊ ऊर्जा प्रणालियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर