आईएमए ने जीएसटी काउंसिल के निर्णय का किया स्वागत
नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने जीएसटी काउंसिल द्वारा कैंसर संबंधी और अन्य आवश्यक दवाओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाने के फैसले का स्वागत किया है। आईएमए ने इसे “सराहनीय कदम” बताते हुए कहा कि इससे लाखों मरीजों के लि
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का लोगो


नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने जीएसटी काउंसिल द्वारा कैंसर संबंधी और अन्य आवश्यक दवाओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाने के फैसले का स्वागत किया है। आईएमए ने इसे “सराहनीय कदम” बताते हुए कहा कि इससे लाखों मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक किफायती एवं सुलभ होंगी।

सोमवार को जारी एक बयान में आईएमए ने कहा कि यह कदम सरकार की बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और कैंसर, पुरानी बीमारियों और दुर्लभ संक्रमणों जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की मदद करने की दिशा में है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में जीएसटी संशोधन में महत्वपूर्ण दवाओं पर कर की दरें 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत और कुछ दवाओं जीएसटी शून्य करने का प्रस्ताव रखा गया है। जिन दवाओं का उपयोग कैंसर और अन्य बीमारियों के इलाज में होता है, उन्हें भी पूरी तरह कर-मुक्त करने पर विचार किया जा रहा है। यह बदलाव मरीजों और उनके परिवारों पर महंगे इलाज का बोझ कम करने की एक व्यापक पहल का हिस्सा हैं।

इस फैसले की सराहना करते हुए आईएमए ने सरकार और जीएसटी काउंसिल से अपील की कि वे छूट के दायरे को और बढ़ाएं तथा अधिक आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं को इसमें शामिल करें। आईएमए ने सिफारिश की कि कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और लक्षित कैंसर उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाओं को पूरी तरह जीएसटी से मुक्त किया जाए। साथ ही, इंसुलिन और मधुमेह, रक्तचाप एवं हृदय रोग की दवाओं को भी जीएसटी से मुक्त किया जाना चाहिए।

एसोसिएशन ने यह भी मांग की कि जीएसटी छूट का लाभ क्रॉनिक किडनी डिजीज, हृदय रोग, थायरॉइड की समस्या, अस्थमा, सीओपीडी, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों की दवाओं को भी मिलना चाहिए। आईएमए ने स्वास्थ्य उपकरणों पर जीएसटी में कटौती की भी सिफारिश की ताकि अस्पतालों की लागत कम हो और मरीजों पर वित्तीय बोझ घटाया जा सके।

एक अहम सिफारिश में आईएमए ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को जीएसटी से मुक्त करने का सुझाव दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी