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गौतमबुद्धनगर, 25 अगस्त (हि.स.)। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में अगले वर्ष से रोजगार के द्वार खुल जाएंगे। इसके लिए विकास प्राधिकरण औद्योगिक इकाईयों का फैक्टरी एक्ट के तहत पंजीकरण पर जोर दे रहा है। बीते एक माह में करीब आठ कंपनियों ने इसके अंतर्गत पंजीकरण करवाया है।
प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि जिले में फैक्टरी एक्ट के तहत काफी कम कंपनियां पंजीकरण कराती है। इसका असर प्रदेश की जीडीपी के साथ ही काम करने वालों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण पर भी पड़ता है। यमुना सिटी में सेक्टर-24, 24ए, 29, 30, 32, 33 को औद्योगिक सेक्टरों के रूप में विकसित किया गया है।
यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरके सिंह ने सोमवार को बताया कि औद्योगिक सेक्टर में अबतक 3041 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका। इनमें से 2297 को चेकलिस्ट जारी की जा चुकी, जबकि 1836 लीजडीड करा चुके हैं। उसके बावजूद अभी तक सिर्फ 990 ने नक्शा पास कराया है जबकि 15 कंपनियां ही संचालित हैं। 16 जुलाई तक शहर में संचालित 15 में से सिर्फ तीन कंपनियों ने ही फैक्टरी एक्ट के तहत अपना पंजीकरण कराया था, जिसकी संख्या अब आठ हो गई है। उनका दावा है कि वर्तमान में क्षेत्र में कुल 242 कंपनियों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। अगले वर्ष तक कुल 100 कंपनियों में उत्पादन शुरू हो जाएगा। ऐसे में शहर में युवाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे व एयरपोर्ट से उड़ान के साथ ही औद्योगिक गतिविधियां भी तेज होंगी। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की योजना है कि 1 वर्ष के अंतर्गत यमुना क्षेत्र में औद्योगिक विकास में तेजी आए तथा रोजगार के अवसर बढे।
वहीं यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा लाई गई औद्योगिक भूखंड योजना में उद्यमियों की अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। प्राधिकरण ने जून में सेक्टर-29, 32, 33 और 8000 वर्गमीटर से छोटे 37 और इससे बड़े क्षेत्रफल के पांच औद्योगिक भूखंडों की योजना को शुरू किया था। इसके अलावा सेक्टर-24ए में मिक्स लैंड यूज के लिए 19 भूखंडों की योजना आई थी। योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्राधिकरण के मुताबिक 8000 वर्ममीटर से छोटे 37 भूखंडों पर कुल 528 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि इससे बड़े क्षेत्रफल के पांच भूखंडों के सापेक्ष 75 आवेदन आए हैं। ऐसे में एक भूखंड पर 14 से 15 आवेदकों की दावेदारी है। वहीं, मिक्स लैंड यूज के 19 भूखंडों पर भी 30 आवेदन प्राप्त हुए हैं। बताया गया कि 8000 वर्गमीटर से छोटे भूखंडों का आवंटन ई नीलामी व इससे बड़े भूखंड साक्षात्कार के माध्यम से आवंटित किए जाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / Suresh Chaudhary