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—मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप करने की मांग
वाराणसी,25 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सोमवार को निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के बैनर तले विभिन्न कार्यालयों पर जुटे कर्मियों ने बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव और बिजली दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी को जनविरोधी बताया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप कर जनहित में इसे निरस्त कराने की मांग भी कर्मचारी नेताओं ने की। कर्मचारियों ने निजीकरण का दस्तावेज और ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट सार्वजनिक करने के साथ डिस्कॉम एसोसियेशन की निजी घरानों और मीटर कंपनियों से मिलीभगत पर सवाल भी उठाए गए। संघर्ष समिति ने कहा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की योगी आदित्यनाथ की सरकार में उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। कुछ निजी घरानों से मिलीभगत में निजीकरण का आरएफपी डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए जब ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति की गई थी तब उस डॉक्यूमेंट में यह लिखा था कि ट्रांजैक्शन कंसलटेंट निजीकरण में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की मदद करेंगे। इसके लिए ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2020 को आधार माना जाएगा। विरोध प्रदर्शन में ई0 मायाशंकर तिवारी,ई0 नीरज बिंद, अंकुर पाण्डेय,ई0एस0के0 सिंह, रोहित कुमार, पंकज यादव,बृजेश यादव,अमित कुमार, अरुण कुमार आदि शामिल रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी