हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के एचएसबी मे एमएसएमई के लिए हुआ ईडीपी का आयोजन
हिसार, 25 अगस्त (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस ने ‘समस्या से प्रगति एमएसएमई के लिए रणनीतिक समस्या समाधान और निर्णय लेने पर विचार-विमर्श’ विषय पर एक कार्यकारी विकास कार्यक्रम (ईडीपी) का आयोजन
हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के एचएसबी मे एमएसएमई के लिए हुआ ईडीपी का आयोजन


हिसार, 25 अगस्त (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस ने ‘समस्या से प्रगति एमएसएमई के लिए रणनीतिक समस्या समाधान और निर्णय लेने पर विचार-विमर्श’ विषय पर एक कार्यकारी विकास कार्यक्रम (ईडीपी) का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में इस्पात, कृषि व्यवसाय, हस्तशिल्प, खुदरा, निर्माण, स्वास्थ्य सेवा और पर्यटन जैसे एमएसएमई क्षेत्र के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई ने साेमवार काे अपने संदेश में कहा कि यह ईडीपी एक अद्भुत पहल है। इसके माध्यम से बिजनेस स्कूल ने एक दिशा दिखाई है कि कैसे शैक्षणिक संस्थान उद्योगों के विकास में योगदान दे सकते हैं। प्रोफेसर बिश्नोई ने यह भी कहा कि उन्हें खुशी है कि हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा लगातार इस प्रकार के कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं तथा ऐसे कई और उद्योग-उन्मुख कार्यक्रम पाइप लाइन में हैं।हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक, प्रोफेसर विनोद कुमार बिश्नोई ने कहा कि हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस सक्षम मानव संसाधन से भरपूर है। उन्होंने उद्योग जगत के लोगों को अपने व्यवसाय के विकास के लिए हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के मानव संसाधनों का भरपूर उपयोग करने और एक लाभकारी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने ग्रेटर हिसार चैंबर को भी बधाई दी। वाणिज्य विभाग (जीएचसीसी) को क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र के उत्थान में उनके प्रयासों के लिए सराहा।इस कार्यक्रम की संकल्पना, डिजाइन और क्रियान्वयन हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के डॉ. मणिश्रेष्ठ तथा रिपोजिटरी टेक्नॉलाजीज प्राइवेट लि. के संस्थापक एवं सीईओ नितिन गोयल द्वारा किया गया। इन्हांेने बताया कि कैसे व्यवसाय के मालिक अपनी रणनीतिक समस्याओं को व्यवस्थित रूप से समझ सकते हैं और उन्हें उचित रूप से परिभाषित कर सकते हैं। फिर एक अनूठी तकनीक ’समस्या समाधान कैनवास’ के साथ, वे वास्तव में प्रत्येक समाधान के अपने व्यवसाय पर प्रभाव का मूल्यांकन कर सकते हैं। अंत में सबसे उपयुक्त समाधान का चयन भी कर सकते हैं। सभी प्रतिभागियों ने कैनवास का व्यावहारिक रूप से उपयोग किया और अपने व्यावसायिक निर्णय लेने में इसकी उपयोगिता स्थापित की।ईडीपी के दौरान, प्रतिभागियों ने अपने सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की और कहा कि उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षाविदों की मदद लेने में बेहद खुशी होगी। प्रतिभागियों ने कहा कि यह ईडीपी उनके लिए एक शानदार अनुभव रहा और महत्वपूर्ण समस्याओं को देखने और समाधान खोजने के उनके दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाया है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर