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नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। ऑल इंडिया श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल जैन ने सोमवार को कहा कि आज विश्व एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां मानव समाज को यह निर्णय लेना होगा कि वह हथियारों पर आधारित व्यवस्था पर ही विश्वास करता रहेगा या फिर विश्वास, न्याय और मानवता पर आधारित नई संतुलित वैश्विक व्यवस्था की ओर बढ़ेगा।
जैन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि जिस दिन विश्व की 8.1 अरब जनसंख्या विश्वास, न्याय और मानवता पर केंद्रित व्यवस्था को अपनाएगी, उसी समय हथियारों पर आधारित शक्तियां अप्रासंगिक हो जाएंगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस नई वैश्विक व्यवस्था की पहल भारत से होनी चाहिए और इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक देश अपनी सुरक्षा के लिए खरबों डॉलर हथियारों पर खर्च कर रहा है, लेकिन यह खर्च मानवता को सुरक्षित बनाने के बजाय विनाश की ओर ले जा रहा है। वास्तव में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, सकारात्मक विकास और आपसी विश्वास ही मानव समाज की असली सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
जैन ने संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह संगठन कुछ बड़ी शक्तियों के हितों का केंद्र बनकर रह गया है। वीटो पावर की वजह से वैश्विक स्तर पर समानता और न्याय की भावना कमजोर हुई है। कई अन्य संगठन भी केवल सैन्य, धार्मिक या आर्थिक गठबंधनों तक सीमित हैं, जो संपूर्ण मानवता का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि एक नई वैश्विक व्यवस्था का निर्माण हो, जिसमें प्रत्येक देश की भागीदारी उसकी जनसंख्या, संसाधनों और योगदान के आधार पर तय हो। इस व्यवस्था में स्थायी वीटो और क्षेत्रवाद जैसी असमानताओं के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। नई व्यवस्था का ढांचा पारदर्शी, न्यायपूर्ण और जिम्मेदार होना चाहिए, ताकि किसी भी शक्ति का वर्चस्व स्थापित न हो सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार