रचनात्मकता और शोध का संगम–गोरखपुर विश्वविद्यालय की विज्ञान प्रदर्शनी
गोरखपुर, 25 अगस्त (हि.स.)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर द्वारा आज 44वें दीक्षांत समारोह का आयोजन गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में हुआl इस अवसर पर विज्ञान संकाय द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन एक्सप्लोरिंग बियोंड बाउंड्रीज- साइंस फॉर सोस
रचनात्मकता और शोध का संगम – गोरखपुर विश्वविद्यालय की विज्ञान प्रदर्शनी


रचनात्मकता और शोध का संगम – गोरखपुर विश्वविद्यालय की विज्ञान प्रदर्शनी


रचनात्मकता और शोध का संगम – गोरखपुर विश्वविद्यालय की विज्ञान प्रदर्शनी


मेधावियों को 161 पदक, रिकॉर्ड 301 शोधार्थियों को मिली पी-एच.डी. उपाधि*


मेधावियों को 161 पदक, रिकॉर्ड 301 शोधार्थियों को मिली पी-एच.डी. उपाधि*


गोरखपुर, 25 अगस्त (हि.स.)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर द्वारा आज 44वें दीक्षांत समारोह का आयोजन गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में हुआl इस अवसर पर विज्ञान संकाय द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन एक्सप्लोरिंग बियोंड बाउंड्रीज- साइंस फॉर सोसाइटी , साइंस फॉर ह्यूमैनिटीज थीम के अंतर्गत किया गयाl

प्रदर्शनी मे संकाय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने अपने-अपने कार्यशील मॉडल और परियोजनाएँ प्रस्तुत कर अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा और रचनात्मकता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में सभी मॉडलों की माननीय कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल एवं कुलपति प्रो. पूनम टंडन द्वारा सराहना की गई और भविष्य में इसी प्रकार के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्होंने प्रोत्साहित किया। फिजिक्स विभाग के अंतर्गत “आयनिक थ्रस्टर के सिद्धांत पर आधारित कार्यशील मॉडल” तथा “हाइपरलूप ट्रेन : भविष्य की परिवहन तकनीक”, वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा “जलवायु परिवर्तन का खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव” और “फॉस्फोरस चक्र में शैवाल की भूमिका”, सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग द्वारा “क्रिस्पर-कैस 9 तकनीक : आनुवंशिक विकारों के उपचार हेतु एक मॉडल”, फार्मेसी विभाग द्वारा “हाइड्रोपोनिक तकनीक” तथा “ताली आधारित लाइट स्विच ऑन-ऑफ”, मत्स्य विज्ञान विभाग द्वारा “सतत एकीकृत मछली पालन : आय और संसाधन उपयोग में वृद्धि” तथा रक्षा अध्ययन विभाग द्वारा “आई.एन.एस. विक्रमादित्य” विषय पर मॉडल प्रस्तुत किए गए। इनमें से “हाइपरलूप ट्रेन : भविष्य की परिवहन तकनीक” विषय पर आधारित मॉडल को रंजना, मीनाक्षी एवं प्रियेश द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि भविष्य में हाइपरलूप ट्रेन का उपयोग किस प्रकार संभव है। यह मॉडल प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण रहा और इसे व्यापक सराहना प्राप्त हुई। इस अवसर पर विद्यार्थियों के शोध-आधारित प्रयोगों और नवीन विचारों को विशेष रूप से सराहा गया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. अपरा त्रिपाठी द्वारा किया गया तथा इसके आयोजन में डॉ. सिंटू कुमार, डॉ. राकेश पांडेय, डॉ. साहिल महफूज़, डॉ. प्रियंका भारती, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. सरिता सिंह, श्री अशीरवाद जायसवाल, डॉ. पंकज कुमार श्रीवास्तव एवं डॉ. जितेन्द्र कुमार का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय