चंपारण सत्याग्रह के प्रणेता पं.राजकुमार शुक्ल की जयंती पर दी गई श्रद्धांजलि
पूर्वी चंपारण,23अगस्त(हि.स.)।चंपारण सत्याग्रह के प्रणेता महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित राजकुमार शुक्ल को उनकी जयंती पर शनिवार को मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी संग्रहालय में स्थापित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। मौके पर आय
पं राजकुमार शुक्ल के प्रतिमा के समीप जुटे गांधीवादी


पूर्वी चंपारण,23अगस्त(हि.स.)।चंपारण सत्याग्रह के प्रणेता महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित राजकुमार शुक्ल को उनकी जयंती पर शनिवार को मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी संग्रहालय में स्थापित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में पंडित राजकुमार शुक्ल जी के कृतित्व व व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए लोगो ने निलहे अंग्रेजो से किसानो को मुक्त कराने के लिए उनके अथक प्रयास को स्मरण करते कहा कि पंडित शुक्ल ने ही बार बार गांधी जी आग्रह कर उन्हे चंपारण बुलाया जिसके बाद चंपारण सत्याग्रह के द्धारा आजादी की नीव रखी गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गांधी संग्रहालय के उपाध्यक्ष पत्रकार चंद्रभूषण पांडेय कहा कि चंपारण में निलहे अंग्रेजों द्वारा किसानों पर अत्याचार और क्रूरता बरती जा रही थी, तिनकठिया प्रथा के द्धारा अंग्रेज किसानो का शोषण कर रहे थे।किसानो के आग्रह पर इस पीड़ा व व्यथा से पं राजकुमार शुक्ल ने ही सर्वप्रथम गांधी जी को अवगत कराया।एक बार नही कई बार वे गांधी जी से मिलकर उन्हे चंपारण आने को विवश किया। शुक्ल जी लखनऊ में हुए कांग्रेस अधिवेशन में पहुंच कर गांधी जी को चंपारण के किसानो की पीड़ा बताया और चंपारण चलने को कहा। शुक्ल जी के आत्मविश्वास दृढ़ निश्चयी भाव को देखते हुए गांधीजी अंततः चंपारण आने के लिए राजी हो गए।

15 अप्रैल 1917 को मोतिहारी पहुँचे गांधीजी ने किसानों पर हो रहे अत्याचारों की जाँच करना शुरू किया तो घबरायी ब्रिटिश सरकार ने गांधी जी को चंपारण छोड़ने का आदेश दिया, लेकिन गांधी जी ने इस सरकारी आदेश को मानने से इनकार कर दिया,फलस्वरूप चंपारण सत्याग्रह की नीव पड़ी और गांधी जी के अहिंसक प्रयास का प्रयोग सफल हुआ। कार्यक्रम में गांधी संग्रहालय के सचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि पंडित राजकुमार शुक्ल का संघर्ष आज भी देश और दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि हम सभी चंपारणवासी उनके योगदान को याद करके गर्व महसूस करते हैं। श्रद्धांजलि सभा में समिति के उपाध्यक्ष प्रकाश अस्थाना, सुरेंद्र पांडेय, विनोद कुमार कुशवाहा, डॉ. आलोक कुमार,गांधीवादी विनय कुमार,केशव कृष्णा सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने विचार व्यक्त कर पंडित राजकुमार शुक्ल को श्रद्धांजलि अर्पित किये।

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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार