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मुंबई,23 अगस्त ( हि.स.) । मुंबई, ठाणे जिले में लगातार तीन दिनों तक हुई भारी बारिश ने ठाणे शहर में सचमुच अफरा-तफरी मचा दी। सड़कें जलमग्न हो गईं, कारें फंस गईं, सीवर का पानी घरों में घुस गया, पेड़ गिरकर सड़कें जाम हो गईं, और दीवारें ढह गईं, जिससे जानलेवा घटनाएँ हुईं। सिर्फ़ तीन दिनों में, ठाणे नगर निगम के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ को मदद के लिए 167 कॉल आए। हालाँकि, इस संकट की घड़ी में, नगर निगम का आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ दिन-रात तत्पर रहा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभाया।
बीते तीन दिनों, 18, 19 और 20 अगस्त में, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ को 167 शिकायतें मिलीं। सबसे ज़्यादा मामले पेड़ गिरने के थे। 61 पेड़ गिरे, 15 शाखाएँ टूटीं, 9 पेड़ खतरनाक स्थिति में पाए गए, और एक मामले में, एक खतरनाक शाखा पाई गई। वहीं, बारिश के पानी से 57 जगहों पर जलभराव से नागरिक परेशान रहे।
भारी बारिश के कारण 2 घरों की दीवारें ढह गईं, 3 परिसर की दीवारें ढह गईं, एक नाले की दीवार ढह गई, एक जगह भूस्खलन हुआ और एक लोहे का शेड ढह गया। इतना ही नहीं, 4 आग लगने की घटनाएं और प्लास्टर गिरने का एक मामला भी सामने आया। आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने इन सभी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की।
नगर आयुक्त सौरभ राव के मार्गदर्शन में, टीडीआरएफ, आरडीएमसी टीम, अग्निशमन विभाग, इंजीनियरों, वृक्ष प्राधिकरण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ठोस अपशिष्ट विभाग और परिवहन विभाग के समन्वय से राहत कार्य चलाया गया। इसके साथ ही, नगर निगम के विभिन्न विभागों ने नागरिकों के संपर्क में रहकर उनकी शिकायतों का निवारण होने तक उनका अनुसरण किया। इससे नागरिकों में प्रशासन के प्रति विश्वास भी पैदा हुआ। हालाँकि बारिश की तीव्रता कुछ कम हुई है, फिर भी प्रशासन अभी भी तैयार है।
टीएमसी आपदा प्रबंधन अधिकारी यासीन एम तडवी ने आज आव्हान किया है कि लोग खतरनाक इमारतों, खतरनाक पेड़ों, खतरनाक दीवारों की तुरंत सूचना दें, अपना और अपने परिवार का ध्यान रखें और किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन पर संपर्क करें। आपदा प्रबंधन विभाग ठाणे शहर के नागरिकों के लिए सदैव तत्पर है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा