डंपिंग से मंडी के कई गांवों को खतरा, ग्रामीणों का कंपनी प्लांट पर धरना-प्रदर्शन
मंडी, 23 अगस्त (हि.स.)। जिला में मंडी-कोटली-जालंधर राष्ट्रीय उच्च मार्ग के डंपिंग से रछवाणां, त्रांबी और गतरबाग गांवों पर खतरा मंडरा गया है। इसी को लेकर शनिवार को तीनों गांवों के दर्जनों लोग देवधार स्थित कंपनी के प्लांट पर एकत्र हुए और धरना-प्रदर्शन
देवधार स्थित कंपनी के प्लांट परधरना प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण।


मंडी, 23 अगस्त (हि.स.)। जिला में मंडी-कोटली-जालंधर राष्ट्रीय उच्च मार्ग के डंपिंग से रछवाणां, त्रांबी और गतरबाग गांवों पर खतरा मंडरा गया है। इसी को लेकर शनिवार को तीनों गांवों के दर्जनों लोग देवधार स्थित कंपनी के प्लांट पर एकत्र हुए और धरना-प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने अवैध रूप से उनके ऊपर लगभग पांच-छह जगहों पर डंपिंग साइट बना दी है। बरसात के दौरान सारा मलबा गांव की ओर आ गया, जिससे कई समस्याएं पैदा हो गईं। रछवाणा स्थित सामुदायिक भवन मलबे की चपेट में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं कई मकानों, गौशालाओं और शौचालयों में दरारें आ गई हैं। गांव की सड़क भी पिछले एक माह से बंद है, जिससे लोगों को चार किलोमीटर मलबे पर पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक पहुंचना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा कठिनाई और खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

इस मौके पर पंचायत प्रधान अनीता देवी, उपप्रधान प्रेम सिंह, वार्ड सदस्य महेश कुमार, डोलमा देवी, देवेंद्र और पीडब्ल्यूडी से सेवानिवृत्त अधीक्षक प्रकाश सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे। उन्होंने कंपनी के अधिकारी नितिन के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के चलते मलबा सीधे गांव तक पहुंच गया और गांव की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो गया है।

धरने के दौरान तहसीलदार सदर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की शिकायतें पटवारी के माध्यम से कलमबद्ध करवाकर कंपनी को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कंपनी अधिकारी नितिन ने आश्वासन दिया कि सड़क खोलने का कार्य रविवार से शुरू कर दिया जाएगा और डंपिंग साइट पर क्रेट वॉल लगवाकर इन्हें सुरक्षित किया जाएगा, ताकि भविष्य में मलबा नीचे न गिरे।

हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी पहले भी कई बार ऐसे आश्वासन दे चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यदि पिछले साल ही आवश्यक कदम उठाए गए होते तो आज स्थिति इतनी भयावह नहीं होती। ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि अब भी वादे पूरे नहीं हुए तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा