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नैनीताल, 23 अगस्त (हि.स.)। नैनीताल जनपद के वर्ष 2019 के एक मामले में एससी-एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल ने दो आरोपितों को सभी आरोपों से दोषमुक्त करार दिया है।
आरोप था कि उन्होंने कांग्रेस का समर्थन करने और घर पर पार्टी का झंडा लगाने को लेकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज की थी व जान से मारने की धमकी दी थी किंतु न्यायालय ने पाया कि अभियोजन आरोपों को संदेह से परे सिद्ध करने में असफल रहा।
अभियोजन के अनुसार लालकुआं क्षेत्र निवासी नन्द राम आगरी ने 9 अप्रैल 2019 को थाना लालकुआं में तहरीर दी थी कि 8 अप्रैल की रात एक कार (यूके04एबी-4727) में सवार 4-5 युवक लाठी-डण्डे और अवैध हथियार लेकर उनके घर पहुंचे। उन्होंने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज व धमकी दी और कांग्रेस का झंडा हटाने को कहा। थोड़ी देर बाद मोटरसाइकिल पर आये दो अन्य युवकों ने भी ऐसी ही हरकत की।
परिवार की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक सभी चले गये थे। पुलिस ने प्रकरण में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 147, 504, 506 और एससी-एसटी अधिनियम में अभियोग पंजीकृत किया। विवेचक ने शंकर सिंह मेहता और प्रहलाद सिंह को आरोपित मानते हुए आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। किंतु विचारण के दौरान गवाहों के बयान व प्रस्तुत साक्ष्य आरोपों की पुष्टि नहीं कर सके। फलस्वरूप न्यायालय ने दोनों को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया। इस प्रकरण में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य न्यायरक्षक सोहन तिवारी ने पैरवी करते हुए आरोपितों को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी