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नाहन, 22 अगस्त (हि.स.)। राजगढ़ उपमंडल की टिक्कर पंचायत के बडगला गांव से निकली शिरगुल महाराज की भव्य जातर क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी पर बसे पवित्र चूड़धार पहुंची। श्रद्धा और आस्था के इस अनोखे संगम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और परंपरानुसार महाराज की प्रतिमा का स्नान कर पूजा-अर्चना की।
भंडारी दिनेश ठाकुर और देवा प्रेम पाल ठाकुर के अनुसार कि बडगला गांव स्थित शिरगुल महाराज का प्राचीन मंदिर न सिर्फ क्षेत्र का धार्मिक केंद्र है, बल्कि जनमानस की आस्था का प्रतीक भी है। परंपरा के अनुसार हर पाँच वर्ष में शिरगुल महाराज को विशेष स्नान हेतु चूड़धार ले जाया जाता है। इस वर्ष भी सैकड़ों की तादाद में भक्तजन इस ऐतिहासिक और पवित्र अनुष्ठान के साक्षी बने। चूड़धार में मंत्रोच्चार और धार्मिक अनुष्ठानों के बीच महाराज की शिरगुल महाराज का स्नान करवाया गया। इसके बाद भक्तों ने दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। पूरे वातावरण में भक्ति, उल्लास और दिव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिला। यात्रा के समापन के बाद जब जातर वापस बडगला गांव लौटेगी, तो वहां एक भव्य भंडारे का आयोजन होगा। इस अवसर पर समस्त श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि यह आयोजन केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सामूहिक श्रद्धा का प्रतीक है ।
समुद्र तल से लगभग 12 हजार फूट की ऊँचाई पर चुड़धार में आयोजित यह अनुष्ठान भक्तों के लिए न सिर्फ आध्यात्मिक अनुभव है, बल्कि यह परंपरा हिमाचल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत करती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर