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—डीएवी पीजी कालेज में विशिष्ट व्याख्यान
वाराणसी,22 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित डीएवी पीजी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग में शुक्रवार को 'कैसे सोचे और कार्य करें' विषयक विशिष्ट व्याख्यान में विशेषज्ञों ने जीवन को बदलने के लिए स्वयं को जानने पर जोर दिया।
व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)के प्रबंध शास्त्र संस्थान के निदेशक प्रो. आशीष बाजपेयी ने कहा कि युवा नकारात्मक सोच को अपने उपर हावी न होने दे। जीवन को बदलना है तो स्वयं को जानना होगा, परन्तु वास्तविकता यह है कि ना हम अपने अंदर की कमियों को जानना चाहते है और ना ही बदलना चाहते है। उन्होंने कहा कि जीवन में अच्छी राह पर स्वागत हमेशा कांटों से होता है, जो इन कांटों को पार कर गया उसे सफल होने से कोई नही रोक सकता है। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी किसी काम के लिए देर नही होती है, मेहनती कभी भी असफलताओं से घबराते नही है। उन्होंने छात्रों से यह भी कहा कि दुनिया जिस नजरिये से हमें देखती है वही हमारा चरित्र होता है इसलिए हमारी सोच, आदत और व्यवहार यह सब संतुलित होना आवश्यक है।
व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि विवेकपूर्वक किया गया श्रम कभी व्यर्थ नही जाता है, यदि हम सकारात्मक होकर लक्ष्य की ओर बढ़ रहे है तो निश्चित रूप से सफल होंगे ही। कार्यक्रम में महाविद्यालय के मंत्री/प्रबंधक अजीत कुमार सिंह विशिष्ट रूप से उपस्थित रहे। स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. अनूप कुमार मिश्र, संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. पारुल जैन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शालिनी सिंह ने दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी