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अनूपपुर, 22 अगस्त (हि.स.)। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश माया विश्वलाल की न्यायालय अनूपपुर (मध्य प्रदेश) ने आपराधिक षडयंत्र रचकर गोड जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले 6 आरोपी सरपंच, सचिव, पटवारी सहित फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने वाले तीन आरोपितों को चार चार साल की सश्रम कारावास एवं दो दो हजार रू0 जुर्माने की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया।
लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा ने शुक्रवारको बताया कि थाना चचाई अन्तर्गत 27 अप्रैल 2014 से 16 जुलाई 2019 के मध्य ग्राम बसंतपुर दफाई अमलाई में सरपंच यदुराज पनिका, सचिव जितेन्द्र प्रजापति हल्का पटवारी शैलेन्द्र शर्मा के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचते हुए यह जानते हुए कि बसंतपुर कॉलरी की रमा गिरी तथा पुत्रियॉ प्रियंका एवं मधु गोड़ जाति की नही है, षडयंत्र पूर्वक उसकी दोनेा पुत्रियों प्रियंका एंव मधु का गोड़ जाति होने के संबंध में ग्राम पंचायत से जाति प्रमाण पत्र व सेजरा का प्रतिवेदन कपटपूर्वक तैयार कर छल किया तथा इन दस्तावेजो के आधार पर कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी अनूपपुर से प्रियंका एवं मधु की गोड़ जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र जो कि मूल्यवान दस्तावेज है, जारी कराकर कूटरचना कर उसके असल के रूप में प्रयोग कर शासकीय सुविधाओं का लाभ अर्जित किया तथा लोंगों को हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी देकर पैसों के लिए ब्लैक मेंलिग की।
फरियादी श्रीनिवास तिवारी के लिखित शिकायत के आधार पर थाना चचाई में अपराध दर्ज कर विवेचना करते हुये प्रथम दृष्टया अपराध पाये जाने पर अभियोग पत्र/अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा ने न्यायालय के समक्ष 17 साक्षियों की साक्ष्य एवं 107 दस्तावेजों को प्रदर्शित कराया। वहीं आरोपियों द्वारा 01 साक्षी की साक्ष्य करा 8 दस्तावेज प्रस्तुत किये। जिस न्यायालय ने सुनवाई करते सभी को दोषी पाया जिस पर आरोपियों को 04-04 साल की सश्रम कारावास एवं 2000-2000-रू0 अर्थदण्ड की सजा सुनाते हुए जिला जेल भेज दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला