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लखनऊ, 22 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक विशेष प्रकार की टोपी पहनने पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मोहसिन रज़ा ने इस घटना को प्रतीकात्मक राजनीति का हिस्सा बताते हुए कई गम्भीर प्रश्न उठाए हैं।
भाजपा नेता मोहसिन रज़ा ने सीधे तौर पर उन लोगों से सवाल किया जो मुख्यमंत्री को टोपी पहनाने गए थे, क्या आप हिंदुओं द्वारा दिए गए प्रसाद को ग्रहण करते हैं ? उन्होंने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि यदि आप एक समुदाय की परम्पराओं का सम्मान नहीं कर सकते, तो आपको दूसरे से इसकी उम्मीद करने का कोई अधिकार नहीं है।
टोपी की राजनीति की आलोचना करते हुए उन्होंने इस तरह के कृत्यों को टोपी पहनाने का खेल बताया और इसे तत्काल बंद करने की मांग की। उनके अनुसार, यह केवल तुष्टीकरण की राजनीति का एक हिस्सा है।
मोहसिन रज़ा ने सुझाव दिया कि यदि टोपी पहननी ही है तो देश की शान कर्नल सोफिया कुरैशी या भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिनकी टोपियां देश की आन, बान और शान का प्रतीक हैं।
विपक्षी दलों पर हमला करते हुए मोहसिन रज़ा ने तेजस्वी यादव, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दलों ने स्वतंत्रता के बाद से लगातार मुसलमानों को टोपी पहनाकर (धोखा देकर) उनके वोट हासिल किए हैं। लेकिन उनके वास्तविक विकास के लिए कोई ठोस काम नहीं किया।
उन्होंने तेजस्वी यादव द्वारा की गई आलोचना पर पलटवार करते हुए उन्हें सलाह दी कि वे दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले अपने धर्म की मान्यताओं का सम्मान करें। मोहसिन रजा का इशारा विशेषकर पवित्र सावन मास और नवरात्र में मांसाहार के सेवन के संदर्भ में था।
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला