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शिमला, 22 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान मंडी से मनाली फोरलेन पर लग रहे लंबे जाम का मुद्दा जोरदार तरीके से उठा। विधायकों ने कहा कि पिछले दो महीने से इस मार्ग पर दयनीय हालात बने हुए हैं। बागवानों, पर्यटकों और आम जनता को घंटों तक जाम में फंसा रहना पड़ता है।
इस मामले पर चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि मंडी-मनाली रोड और कमांद मार्ग पर यातायात को सुचारू बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों से इस मामले पर बात की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें विधानसभा में भी बुलाया जाएगा।
शून्यकाल में मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने ये मामला उठाते हुए कहा कि बरसात के दौरान मनाली एनएच पर लगातार भूस्खलन हुआ है। इसके कारण सेब से लदी गाड़ियां जगह-जगह पर फंसी हुई हैं और समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। मरीजों को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गौड़ ने कमांद वैकल्पिक मार्ग पर अधिक ट्रैफिक के कारण पैदा हो रही दिक्कतों पर भी चिंता जताई और जाम को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की संख्या बढ़ाने की मांग की।
विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि किरतपुर-मनाली मार्ग पर पिछले दो महीने से 60 किलोमीटर तक लंबा जाम लग रहा है। कुल्लू से मंडी पहुंचने में पहले जहां एक घंटा लगता था, अब लोगों को देर रात तक पहुंचना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सेब और मटर की खेप समय पर मंडियों में नहीं पहुंच रही है और इससे पर्यटन पर भी प्रतिकूल असर हो रहा है।
विधायक सुरेंद्र शौरी ने भी एनएच पर लंबे जाम की समस्या को गंभीर बताते हुए कहा कि मंडी से कुल्लू तक लोग अव्यवस्था से परेशान हैं। उन्होंने विशेष रूप से औट से पंडोह तक जाम की समस्या को ज्यादा गंभीर बताया और ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने कहा कि एनएचएआई पर सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है, लेकिन पुलिस को तत्काल कदम उठाने होंगे ताकि लोगों को राहत मिल सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा