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शिमला, 22 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार ने अवैध खनन के मामलों पर सख्ती बढ़ा दी है। अब अगर किसी निजी भूमि पर अवैध खनन होगा तो सरकार सीधे भूमि मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करेगी। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शुक्रवार को विधानसभा में शुन्यकाल के दौरान यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अब तक अवैध खनन के मामलों में टिप्पर मालिक पर कार्रवाई होती थी। लेकिन अब मामला निजी भूमि मालिक के खिलाफ दर्ज होगा। इससे अवैध खनन पर और सख्ती की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि जमीन भले ही किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति हो। लेकिन खनिज पर अधिकार सरकार का है। इसलिए निजी भूमि पर अवैध खनन करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
दरअसल फतेहपुर के विधायक भवानी सिंह पठानिया ने शून्य काल के दौरान अपने हल्के में हो रहे अवैध खनन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई निजी भूमि मालिकों ने बाहरी राज्यों के ठेकेदारों को जमीन दी है। यहां जितनी माइनिंग होनी चाहिए उससे कहीं अधिक खनन होता है।
उन्होंने कहा कि सरकार से इसकी इजाजत भी नहीं ली जाती। भूमि मालिक और ठेकेदार फायदा उठाते हैं। सरकार को कोई राजस्व नहीं मिलता।
पठानिया ने कहा कि अगर भूमि मालिकों के खिलाफ केस होगा तो अवैध खनन पर रोक लगेगी। उन्होंने अपने क्षेत्र में नो माइनिंग जोन बनाने की भी मांग की।
इस पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर उन्हें नो माइनिंग जोन घोषित करेगी।
उन्होंने बताया कि फतेहपुर क्षेत्र से ही सरकार को 20 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। यह राजस्व इसलिए बढ़ा क्योंकि उद्योग विभाग ने अवैध खनन पर सख्ती बरती और कई मामले पकड़े।
उन्होंने कहा कि नूरपुर फतेहपुर और इसके आसपास के इलाकों में लगातार अवैध खनन हो रहा है। अब भूमि मालिकों पर केस दर्ज करने से इस पर नियंत्रण होगा।
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने भी अवैध खनन पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ज्वाली क्षेत्र और पौंग डैम के नीचे ब्यास से जुड़े क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है। इस पर रोक लगाई जानी जरूरी है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि सभी जिलाधीशों को निर्देश दिए गए हैं। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। सरकार अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा