रक्षा सचिव ने जीआरएसई के तीसरे इनोवेशन चैलेंज का शुभारंभ किया
कोलकाता, 22 अगस्त (हि.स.)। रक्षा सचिव आर.के. सिंह ने शुक्रवार को कोलकाता स्थित रक्षा उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) के तीसरे वार्षिक यूनिक इनोवेशन चैलेंज का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम देशभर के स्टार्टअप्स, सूक्ष्म, लघु
गेंस जीआरएसई


कोलकाता, 22 अगस्त (हि.स.)। रक्षा सचिव आर.के. सिंह ने शुक्रवार को कोलकाता स्थित रक्षा उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) के तीसरे वार्षिक यूनिक इनोवेशन चैलेंज का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम देशभर के स्टार्टअप्स, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) तथा शैक्षणिक संस्थानों को जहाज निर्माण क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इस खुले चैलेंज को जीआरएसई एक्सेलरेटेड इनोवेशन नर्चरिंग स्कीम (गेंस) कहा जाता है। इसका उद्देश्य ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे सरकारी अभियानों को आगे बढ़ाते हुए एमएसएमई और स्टार्टअप्स की भागीदारी से जहाज डिज़ाइन व निर्माण में उभरती चुनौतियों का समाधान करना और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान देना है।

लॉन्च के अवसर पर जीआरएसई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कमोडोर पी.आर. हरी (सेवानिवृत्त) सहित कंपनी के निदेशक और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

गेंस 2023 के पहले संस्करण में देशभर से 50 प्रस्ताव आए थे, जिनमें स्मार्ट मशीनस एंड स्ट्रक्चर्स (एमएसएमई) और बॉडकिन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (स्टार्टअप) विजेता बने।

गेंस 2024 में यह संख्या बढ़कर 66 हुई और क्लाउडमेटिका टेक्नोलॉजीज (एमएसएमई) तथा आईआईटी गुवाहाटी टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन (स्टार्टअप) ने जहाज निर्माण और हरित ऊर्जा से जुड़े समाधान प्रस्तुत कर जीत दर्ज की।

रक्षा सचिव सिंह ने कहा कि पिछले दो संस्करणों को जबरदस्त रिस्पांस मिला है। इस बार की थीम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), हरित प्रौद्योगिकी और शिपबिल्डिंग दक्षता वृद्धि शामिल हैं। पहले से ही एआई, रोबोटिक्स और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में परियोजनाएं विकसित हो रही हैं, और मुझे विश्वास है कि इस साल के संस्करण से और भी नवीनतम समाधान सामने आएंगे।

कमोडोर हरी ने बताया कि गेंस न केवल कंपनी बल्कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने उम्मीद जताई कि गेंस 2025 में प्रतिभागियों की संख्या 100 से अधिक होगी।

जैसा कि पहले हुआ है, इस बार भी प्रतिभागियों को एआई, नवीकरणीय/हरित ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता के साथ-साथ समग्र जहाज निर्माण दक्षता में सुधार पर काम करना होगा। गेंस 2025 का उद्देश्य जीआरएसई को भविष्य के लिए तैयार शिपयार्ड बनाने के लिए त्वरित और अभिनव समाधान तैयार करना है। इच्छुक नवप्रवर्तक और उद्यमी अधिक जानकारी के लिए जीआरएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर